Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 3
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 6
________________ काममां सी.डी. बनाववामां, सोफ्टवेर नक्की करवामां एमणे जे मार्गदर्शन आप्युं छे ते दाद मांगी ले तेवुं छे। तेमने मारा अंतरना खूब खूब धन्यवाद आपुं छं । जितेन्द्र मणिलाल संघवी अने अशोकभाई संघवी, अजयभाई शाहे पण वारंवार ठेठ अमदावाद थी नाकोडा आवी आ कार्यने सारी रीते संभाळ्युं हतुं । मुंबई बोरीवलीथी नीतिनभाई बगडीया पण आ कार्यमां सारो एवो रस लई तेमां बधो ज सहकार आपता हता । तेमज लाकडीया (वागड-कच्छ) ना नानालालभाईए पण सी.डी. तेमज सी. डी. राईटरनी खरीदीमां खूब ज सहकार आप्यो छे । तेमज अमदावादना वतनी प्रशांतभाई सुबोधभाई चिनुभाई (हाल साउथ अमेरिका) ए पण सीडीराईटर भेट आपीने घणुं योगदान आप्युं छे । नाकोडातीर्थनी ज्ञानशाळाना संचालक श्री नरेंद्रभाई कोरडीया तथा तेमना अनेक विद्यार्थिओ पण आ कार्यमा जोडाई गया हता । अमदावादना जयेशभाई तथा सतलासणाना गुणवंतभाई तथा धीरुभाई आदिए पोताना झेरोक्ष मशीनो लावीने आ कार्यने समय के पैसानो विचार कर्या विना सारी रीते पार पाड्यं हतुं । अनेक वार मशीनो खोटवाय त्यारे ठेठ अमदावादथी मीकेनीक लावीने पण काम पार पाड्यं हतुं । अंते मारा मातुश्री साध्वी श्री मनोहरश्रीजी (सरकारी उपाश्रयवाळा ) ना शिष्या साध्वीश्री सूर्यप्रभाश्रीजी ना शिष्या साध्वीश्री जिनेन्द्रप्रभाश्रीजी आदि शिष्या प्रशिष्या परिवार तथा मारा सहवर्ति साधुओ ग्रंथोना व्यवस्थित पेकींग, लीस्टींग, प्रुफरीडींग आदि दरेक कार्योमां खूब खूब जहेमत उठावी छे। आ काममा अनेकानेक विघ्नो आवतां हतां छतां श्री नाकोडापार्श्वनाथ भगवाननी कृपा अने श्री नाकोडाभैरवदेवनी दैवी सहायथी अने उपरोक्त नामी, अनामी, जाणीता अने अजाण्या एवा अनेकना सक्रिय सहकारथी आ भगीरथ कार्य पार पड्युं छे । ते सर्वनो आ तके हुं खूब खूब आभारी छु । - आ फोटोकॉपीओ करवाना काममां प्रथम चरणथी मांडी अंतिम चरण सुधीनुं बधुं ज कार्य मारा शिष्य मुनिश्री धर्मचन्द्रविजयजीना शिष्य मुनिश्री पुंडरीकरत्नविजयजीए ज संभाळयुं छे तथा धर्मघोषविजयजी महाराजनो तमाम कामोमां संपूर्ण सहकार हतो तेथी मारा तेमने अनेक अनेक धन्यवाद घटे छे । लि. पूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयसिद्धिसूरीश्वरजीपट्टालंकारपूज्यपादाचार्यमहाराजश्रीमद्विजयमेघसूरीश्वरजीशिष्य जम्बूविज श्री स्तंभन पार्श्वनाथ जैन तीर्थ C/o श्री शान्तिनाथ ताडपत्रीय जैन ज्ञानभंडार ता. २४-०८-२००५, बुधवार विक्रम संवत् २०६१ श्रावण वदि ५ पूज्यपादसद्गुरुदेवमुनिराज श्रीभुवनविजयान्तेवासी भोंयरापाडो, ऋण दरवाजा पासे, मु.पो.खंभात, जिला - आणंद, गुजराज राज्य पीन नं.३८८ ६२०

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