Book Title: Harit Kyadi Nighant
Author(s): Rangilal Pandit, Jagannath Shastri
Publisher: Hariprasad Bhagirath Gaudvanshiya

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विषय. पृष्ठ. ( ११ ) विषय. कांजिकका लक्षणगुण .... .... ३२८ नानाविध इक्षुके गुण .... .... ३३८ शंडाकी, शुक्र, संधान, मद्य .... ३२९ दांत, यंत्र आदिपीडित इक्षुरसका गुण ३३९ अरिष्ट और सुराके गुण .... .... ३३१ इक्षुविकारोंके गुण.... .... .... ३४० आसवके गुण .... .... ३३२ नवीन गुडके गुण.... .... .... ३४१ नया और पुराना मद्यके गुण .... , मधुवर्गमें मधके नामगुण ..... ..... ३३३ अनेकार्थवर्ग माक्षिक, भ्रामर, क्षौद्रके गुण उसमें ग्रंथोक्त एकार्थ, व्यर्थ और पौतिक, छात्र, अय॑के गुण.... .... तीनअर्थवाले नामोंका संग्रह दलके लक्षण और गुण .... .... किया है सो ग्रंथसें यथाइक्षुवर्गमें उसके नामगुण .... .... ३३७ वत् देखलेना. For Private and Personal Use Only

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