Book Title: Gommatasara Karma kanad Part 2
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 745
________________ कर्णाटवृत्ति जोवतत्त्वप्रदीपिका १३७३ = १५५१ भूमि = पपपप जोग अपपपप aaa al aaaa अ padगुगु ३ प २ ग गृ३ प गु अ ० ० ० गु गु ३५ दळे = ० प प प प प अ गु गु ३ प अ गुगु३.५ पदगुणिदे पक्षणं होदि एंदिदु चयधनमवकुं ग्र३ प २० २ aa a all a = a प प प प प aa a apa इल्लियुभयधनंगळ भाज्य भागहार भूतानुकृष्टिपदपल्यासंख्यातंगळ २a अ गु गु३। प नपत्तिसि रूपोनानुकृष्टिपदार्द्धमाविधनदोळ प्रक्षेपिसुत्तं विरलु मूलधनमिनितक्कुं= a प प प गु २ अंकसंदृष्टियो प्रथमगुणहानिद्रव्यंगळिवु १६ अनुकृष्टयायाम ४ विशेष गु .WWKS ~ रूपोनपदमात्रचयो भूमिः Daपपप मख पचयः = पपप 0१अ aad गु गु ३ प २ अ aaa गु गु ३ गोगः = प प प दलं = पप पदगुणितं चयधनं Faप पप daa गु गु ३ पप अ aaa गुग ३ प प अaaa गु गु ३ प पa २० २०२० २०२० तयोराछुत्तरधनयोः भाज्यभागहारो पल्यासंख्यातावपवर्त्य रूपोनानुकृष्टिपदार्धे आदिधने प्रक्षिप्ते मूलधनं स्यात् = पपप गु २ - -- अ daa गु गु ३ २ गुणा करनेपर आदिधन होता है। चयधनका प्रमाण लानेके लिए 'मुहभूमि' इत्यादि सूत्रके अनुसार मुख हुआ एक चय और भूमि हुई एक हीन अनुकृष्टिका गच्छ प्रमाण चय । इनको Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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