Book Title: Gommatasara Karma kanad Part 2
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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१४०८
मोर
पुदगल परिवर्तन संष्टि
गृहीत
एक
भगृहीत
बिन्दु
मिश्र
हंसपद
सूच्यंगुलके मसंख्यातवें भाग बार अनन्त
उउ
भाग वृद्धि
अनिवृतिकरणकाल
: संख्यात आवली अथवा
अपूर्वकरणकाल
: ११
अधःकरण काल
२१११
: आ
."
कर्म सम्बन्धी संदृष्टि
समय प्रबद्ध
उत्कृष्ट समय प्रबद्ध
स अथवा स ३२
स०१२
सत्व : किंचिदूनद्वयर्ध गुणहानि गुणित समय प्रबद्ध
स्पष्ट है कि ८ संदृष्टि गुणहानिका प्रतीक है।
कर्म स्थिति रचना सम्बन्धी संवृष्टि ( विशेष परिभाषाएं बादमें दी गयी हैं। )
आबाघा काल
: यह एक उदग्र रेखा है। इसे टाइम लेग भी कह सकते हैं।
अचलावली
: यही चिह्न है। आवली गत निषेक यहाँ अचल होते हैं।
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