Book Title: Gommatasara Karma kanad Part 2
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 783
________________ गणितात्मक प्रणाली अनुकृष्टि अर्थ संदृष्टि गच्छ २११ अथवा आ ११ ऊर्ध्वचय Sa २११०२१२२॥ १ अनुकृष्टिचय अनुकृष्टिचय 2a २११०२१११२११ वा अथवा (आ १११) (आ १११) (२) अथवा अथवा (आ १११) (आ १११) (१) (आ ११) श्रे' (आ११-१) जा ( आ १११) (आ १११) (१) (२) अथवा श्रे [२x आ११(१ (२१-१)-१)] (आ १११) (आ १११) (२) (२) चय धन =a | २११०२११ २११०२११२२१०२ २-. .. आदिधन = । २१११ १२ । २१११२११०१२ प्रथम समय सम्बन्धी प्रथम खण्ड २- - 0 . 0 =01२११।१।१२ २१११। २१११।१।२१।२ प्रथम समय सम्बन्धी अन्तका खण्ड श्रे[ ४ + आ ११ {१(२१-१) - १}] (आ १११) (आ १११) (१) (आ ११) (२) अथवा श्रे' [ आ ११ { * (२१-१) + १}] " (आ १११)(आ १११) (१) (आ११) (२) =a | २१११।१।२ २१११ । २१११।। २११ । २ अन्त समय सम्बन्धी प्रथम खण्ड श्रे [आ ११११(२१+१)-१३] अथवा " (आ १११)(आ १११) (१) (२) (आ ११) aa|२१११।।२ २१११। २१११।। २१॥ २ समय सम्बन्धी अन्त खण्ड । = ।२१ २१११ । २११२। ।२ २। २११ अथवा श्रे3 [आ ११६१(२१+१+१-२] (आ १११)(आ १११) (१)(२)(आ ११) उपर्युक्त परिणामोंमें षट्स्थान राशि श्रे अं+१ ४१ २ २ २ २ २ | अं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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