Book Title: Gommatasara Karma kanad Part 2
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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कर्णाटवृति जीवतत्वप्रदीपिका उक्तार्थसंदृष्टिरचयितु।:
०००००००।
कज
Zama ग २।२
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चरमस्थिति
तु. ग. प्रथम निषेक
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गुग ग३
०००००००००
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द्विगुरूचरम.
निषेक
०००
द्वितीयस्थिति
अग गु३
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Basaग२अ
चरमगुण, चरम निषेक
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अंग गु३
प्रथम निषेक
Ea
a 3T T
च. गु. द्वितीय
निषेक
zaza गु २ अगु गु३
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प्रथम गुणहानि
चरम निषेक
| अग गु३
प्र
चरमगुणहानि प्रथमनिषेक
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Sasa I
Bazaगु२।२।२
तु.गुण. चरम
निषेक
Aप१०
०
अग्र
ग३
सन्तीत्युपदेशद्वयमस्ति ।। संदृष्टि:में नानागुणहानिशलाका हैं और नहीं भी हैं ऐसे दो उपदेश विभिन्न आचार्योंके हैं ।।९६४।।
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