Book Title: Girnar Galp Author(s): Lalitvijay Publisher: Hansvijayji Free Jain Library View full book textPage 9
________________ (६) मगनलालने दोसी बालीभाइ दैवचं, वालाभाइ दल.. मुख, अने शंकर लाल विगैरे धर्मो गृहस्थोनी मदद' हती जेथों पिताश्रीएं हाईकोर्टमां अपील करौ, सालीमीटर तरीके वासुदेव जगनाथ तथा बॅरीस्टर तरीके मेकर्सनने रोकी, कोर्ट कादो आप्यो के काइप माणसने पोताना आमहोताटे धर्म आरा धने करता कोइ रोकी शक न है। एमाणे चुकादों। थवाथी हेमच लावधी प्रसिं लाली सास गार्ममा मॉटों धाम, पूर्वक श्री झारसागरजी महाराज पास पवित्र दोक्षा अंगीकार करो स्यारवाद अनुक्रमें औ.. गानो उद्धार करनारा अमें मषिपद संयुक्त थया: नाम श्री सागरीनद सूरीश्वर प्रसिद्ध थयु.. शा" भगनभाइएं पाताी बन्ने बुत्रोंने दोला अपाध्या वाद संवते र १५छ नी शीलमा पोते पण दीक्षा लीधी अमे नाम श्री जोवधिजयनी खचापो आयु. तेषीश्री चारित्रपाले १९ नोसालमा पेटेलादमाममा काळिधर्ष पाया त्यारवादः जगन्म-कर वाईए घों परवत पालीतगाली-रो श्री आदीपा भगवाननी यात्राको लाम मेन्यो तीर्थयात्रा मुनि-. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Unmaway. Soratagyanbhandar.comPage Navigation
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