Book Title: Gautam Charitra
Author(s): Dharmchandra Mandalacharya
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya

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Page 55
________________ तोसरा अधिकार। भगवान महावीर स्वामीके समवशरणमें कहा जाता हैगौतम स्वामी किस स्थानपर उत्पन्न हुए। उन्होंने किस प्रकार लब्धि प्राप्त की। वे किस प्रकार गणधर हुए और उन्हें मोक्ष कैसे प्राप्त हुआ। इसे ध्यान देकर श्रवण कर। ___ जम्बूद्वीपके अन्तर्गत एक प्रसिद्ध भरतक्षेत्र है। उसमें धर्मात्मा लोगोंके निवास करने योग्य मगध नामका एक देश है। उसी देशमें ब्राह्मण नामका अत्यन्त रमणीक एक नगर है । वहां बड़े बड़े वेदज्ञ निवास करते हैं तथा वह नगर वेदध्वनिसे सदा गूंजता रहता है। वह नगर धन धान्यसे परिपूर्ण है और वहांके बाजारोंकी पंक्तियां अत्यन्त मनोहर हैं। अनेक चैत्यालयोंसे सुशोभित ब्राह्मण नगर बहुपदार्थोंसे परिपूर्ण हुआ था। वहां अनेक प्रकारके जलाशय थे-वृक्ष थे। उनमें सब प्रकारके धान्य उत्पन्न होते थे। वहांके मकानोंको ऊंची पंक्तियां अपनी अपूर्व विशेषता प्रकट करती थीं। वहांके निवासी मनुष्य भी सदाचारी और सौभाग्यशाली थे। तरुण-तरुणियां क्रीडा-रत रहते थे। वहांकी सुन्दरियां अपनी सुन्दरतामै रम्भाको भी मात करती थीं। उसी नगरमें शांडिल्य नामका एक ब्राह्मण रहता था। वह विद्याओं में निपुण और सदाचारी था। दानी तथा तेजस्वी था। उसकी पत्नीका नाम स्थंडिला था। वह सौभाग्यवती, पतिव्रता और रतिके समान रूपवती थी। केवल यही नहीं, उसका हृदय नम्र और दयालु था । वह मधुर भाषण करनेवाली एवं याचकोंको दान देनेवाली थी। किन्तु उस ब्राह्मणकी केसरी नामकी एक दूसरी ब्राह्मणी. थी। वह

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