Book Title: Gautam Charitra
Author(s): Dharmchandra Mandalacharya
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya

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Page 111
________________ आराधना कथा कोष तीनों भाग छपकर तैयार हो गये हैं। पृष्ठसंख्या ६००के लग भग, सजिल्द ग्रन्थका दाम ४) रखा गया है । १४४ कथायें इस ग्रन्थमें लिखी गई हैं। प्रत्येक कथाको इतनी सरलभाषामें लिखा गया है कि १० वर्षके बालकसे लेकर स्त्रियें तथा पुरुष उपन्यास की तरह आद्योपान्त पढ़े वगैर पुस्तकको छोड़ नहीं सकते। नवीन तीर्थ यात्रा यात्राका समय आ गया, सारे भारतवर्षके क्षेत्रोंका समझमें आने लायक यहो संग्रह है जो एक अनुभवी विद्वान द्वारा सम्पादन कराके ८ उत्तम दर्शनीय चित्रोंसे विभूषित किया है जहां जहां रेल, मोटर कच्चा रास्ता है वह हमारी इस ९० पृष्ठकी पुस्तकसे आसानीसे समझमें आजायगा, परदेशमें एक मित्रकी तरह आपको पथदर्शक होगी। न्यो० ॥) मात्र । चौबीसी पुराण अभीतक अलग २ तीर्थंकरोंके अलग-अलग नामोंसे पुराण निकाले गये थे, मुझे कई कई ग्राहकोंने उक्त पुराणकी आवश्यकता दर्शाई तब मैंने पं० पन्नालालजी साहित्याचार्यसे उक्त ग्रन्थका सम्पादन कराके ग्रन्थ प्रकाशन किया है। ग्रन्थ शास्त्राकार साइजमें चारों तरफ वार्डर देकर बहुत ही सुन्दर छपाया गया है। मुख पृष्ठ पर जन्म कल्याणकका तिरंगा चित्र भी दिया गया है। जो दर्शनीय है। - एक बार प्रत्येक भाई व बहिनोंको इसका स्वाध्याय अवश्य ही करना चाहिये । न्यो० ३) सजिल्दका ४)।

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