Book Title: Gautam Charitra
Author(s): Dharmchandra Mandalacharya
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya

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Page 109
________________ धन्यकुमार चरित्र इस गंथको नवीन टाइपमें पुस्तकाकार अभी छपाया गया है | कविता बहुत ही भावपूर्ण तथा चरित्र आदर्श है। पढ़कर प्रत्येक प्राणी शिक्षा ग्रहण कर सकता है । न्यो० III) उपयोगी शिक्षायें इस छोटेसे टेक्ट में चुनी हुई १०५ शिक्षाओं का संग्रह किया गया है । बालकों को वाटनेके लिये अपूर्व चीज है न्यो० ) || मात्र अंधेरनगरी [ नाटक ] इस ३२ पृष्टके नाटकको पढ़कर आप हंसते २ लोट-पोट हो जायगे । थोड़े समयके खेलनेके लिये बहुत ही बढ़िया है । न्यो० ।) यूरुपमें जंग की तैयारी तमाम यूरुपमें युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्रको हड़पनेके लिये चालें चल रहा है । इस पुस्तक में तमाम यूरोपकी बड़ी २ शक्तियाँका पूरा २ पता बताया है कि किस तरहके हथियार किस ? के पास कितने २ है, तथा निकट भवि यमें ही युद्ध होना संभावित है । इससे बचने के क्या उपाय हैं । आदि बातों पर अंग्रेजी लेखकने खूबही प्रकाश डाला है, तमाम राष्ट्रीय पत्रोंने इस पुस्तककी मुक्त कण्ठले प्रशंशा की है । न्यो० १ ) मात्र आजही मंगाइये | पार्श्वनाथ पुराण शास्त्राकार पुष्ट कागज बड़ाटाइप और सुन्दर छपाईके साथ ही जिल्द भी बंधा दी है। स्त्र० भूधरदासजोने इस महत्वपूर्ण ग्रन्थको रचकर जैन सिद्धान्तके रहस्यको खूब ही स्पष्ट कर दिया है। प्रत्येक धर्मप्रेमी सजनको इसकी १ प्रति अवश्य ही मंगाकर देखनी पत्र १||) सजिल्द २ ) ।

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