Book Title: Gautam Charitra
Author(s): Dharmchandra Mandalacharya
Publisher: Jinvani Pracharak Karyalaya

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Page 110
________________ प्रद्युम्न चरित्र नवीन शास्त्राकार आज कलकी सरल भाषामें सम्पादन कराके सुन्दर वार्डर सहित कई चित्रोंसे विभूषित करके छपाया गया है । टाइप सच्चा जिनवाणी संग्रहकी तरह बड़ा और पुष्ट कागज लगाकर ग्रन्थको उत्तम बनाने में कुछ भी कसर नहीं रखी गयी है। चित्र भी दिये हैं इतनी सब कुछ विशेषतायें रहते हुए भी न्यो० ३) मात्र । सचित्र और सजिल्दका ४ ) रखा है । जैन गायन सुधा नई तर्जके वायस्कोपके गानोंको सुन २ कर छोटे-छोटे बालक उन्हीं अश्लील और भद्द े सारहीन गानोंको अलापा करते थे, उनको सुनकर जैन समाजके बड़े-बड़े कवियोंने उसी तर्जों पर अपनी लेखनी उठाकर वास्तव में एक बड़ी भारी आवश्यकता की पूर्ति कर दी है। चुने हुए करीब १३६ गायनोंका संग्रह हमने एकत्रित कराके इस जैन गायन सुधाको सचित्र छापकर आपके समक्ष रखा है । मूल्य || ) गौतम चरित्र नवीन सरल हिन्दीमें छपकर तैयार हुआ है, पृष्ठ संख्या ११२ न्योछावर |||) पांडव पुराण पृष्ठ शास्त्र साइजमें बिलकुल नवीन छपकर तैयार हुआ है संख्या करीब ३५० न्यो० पाँच रुपया मात्र । जैन महिला भूषण यह स्त्रियोंके लिये बड़े काम की चीज है प्रत्येक जैन महिला को इसका अध्ययन जरूर ही करना चाहिये । न्यो० १) मात्र ।

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