Book Title: Digambar Jain 1923 Varsh 16 Ank 11 Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 4
________________ दिगंबर जैन Goo ( २ ) रक्षा है व विना द्रव्य रक्षा कैसे होसकती है इसलिये प्रति वर्ष दि० जैनीके प्रत्येक घर पीछे तीर्थरक्षाफंडका १) देना अतीव सुलभ है । यदि सभी भाई इसप्रकार चंदा दे देवें तो हजारों रु० की वार्षिक आमदनी तीर्थक्षेत्र कमेटीको हो जावे परंतु इसके लिये प्रयत्न करनेकी आव श्यक्ता है । प्रयत्न यही करना चाहिये कि मंदिरोंमें मंदिरोंके लागके रुपिये उगाहे जाते हैं उसी वक्त सबसे तीर्थरक्षा फंडका रुप्या भी ले लेना चाहिये अथवा किसी स्वयंसेवकों को खड़े होकर घर२ फिरकर ये रुपये इकट्ठे करके तीर्थ क्षेत्र कमेटी को भेज देने चाहिये । - * * * हमारी दि० जैन समाज में ऐसी कई संस्थाएं हैं जिनका कार्य सुचारु दानका शुभ रूपसे चल रहा है परन्तु अवसर उसमें खर्च के लिये काफी स्थायी फंड नहीं है इससे उनका कार्य चालू सहायता से पूर्ण हो सकता है, ऐसी संस्थाओं में वार२ दान देना दि०जैन समाजका कर्तव्य है परन्तु इस दशलाक्षणी पर्व के उत्तम अवसर में तो ऐसा दान विशेषरूपसे होना चाहिये । इन संस्थाओंमें दान करनेसे चार दानोंका पुण्य मिलता है । हमारे दश धर्मोंमें उत्तम त्याग धर्मका माहात्म्य अपार है परन्तु इसके पालन के लिये हमें कुछ न कुछ त्याग (दान) इस दशलाक्षणी पर्व में अवश्य करना चाहिये । हम समझते हैं कि सभी स्थानोंपर चतुर्दशीके दिन एक दानका चंदा होना चाहिये उसमें जितने रुपये नकद इकत्र हो हमारी नीचे लिखी संस्थाओं को बांटकर तुर्त ही मनिओर्डर से भेज देने चाहिये । दान करने योग्य संस्थाओंके नाम इस प्रकार हैकुन्थलगिरि ब्रह्मचर्य आश्रम, स्या० महाविद्यालय काशी, ऋषभ ब्रह्मचर्य आश्रम जयपुर, महाविद्यालय व्यावर, श्राविकाश्रम बम्बई, उदेपुर पार्श्वनाथ विद्यालय, ब० आश्रम कारंजा, अनाथाश्रम देहली, अनाथाश्रम बड़नगर, औष घालय वड़नगर, सतर्क० जैन पाठशाला सागर, जैन शिक्षा मंदिर जबलपुर, जैन सिद्धांत विद्यालय मोरेना, भदादरांत विद्यालय भींड, उदासीनाश्रम कुंडलपुर आदि आदि । * * * स्वर्गीय दानवीर जैन कुलभूषण सेठ माणि कचन्दजी करीब ढाई का लाख रुपये की अपनी जुबिलीबाग की मिलकियत दान कर गये हैं जिसकी आयका उत्तम सदुपयोग इसके ट्रस्टि यों द्वारा होरहा है। अभी इसके उत्साही मंत्री सेठ ठः कोरदास भगवानदास जहरीने प्रकट किया है कि दानवीर सेठजीके जुबेलीबाग ट्रस्ट फंड की आयसे सन् १९२३-२४ के लिये इस प्रकार सहायता देना मंजूर होगया है । कोलेजके २९ विद्यार्थियोंको कुल २९९ ) मासिक सहायता, रतलाम बोर्डिग १२९ ) मा. सिक, फुलकौर कन्याशाला सूरत २०) मासिक, बम्बई बोर्डिग २५) मासिक, कुरावद पाठशाला ५) मासिक, बनारस विद्यालय १६) मासिक, भींडर पाठशाला १०) मासिक, केशरियानी सेठजी के सदुपयोग |Page Navigation
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