Book Title: Digambar Jain 1923 Varsh 16 Ank 11 Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia View full book textPage 7
________________ (9) जैन समाचारावलि । इन्दौर में- -रा० विश्वविद्यालयकी परीक्षा इसवार आगामी जनवरी में होगी । परीक्षार्थी एक आना भेजकर आवेदन पत्र मगालेवें । नवीन ब्रह्मचारी ब० हीरालालजीके उपदेशसे नांदगांव निवासी सेठ खुशालचंदजी पहाड़ने भाद्रपद सुदी २ को सातवीं ब्रह्मचर्य प्रतिमा धारण की है । आप एक वर्षसे पांचवी प्रतिमा धारण करके उदासीन वृत्तिसे घर पर रहकर धर्मध्यान करते थे और अब ब्रह्मचारी होगये हैं । उस दिन आपने ५०० ) औरंगाबाद पाठशालाको दिये तथा नांदगांव में दूसरी प्रतिमा धारण करनेवाली स्त्रीको १०० ) देना स्वीकार किया था । दक्षिण महारास्ट्र जैन सभा का वार्षिक अधिवेशन कार्तिक मासमें कोल्हापुर में होगा | वर्धा में - जैन सेतवाल संगठन सभा स्थापित होकर उसका जल्सा आश्विन वदी ९-६ को होगा । दो आदिसागर मुनि - दक्षिण में विराजमान हैं । एकने नसलापुर ( बेलगांव ) में व दूसरेने बालते गांव (हातकलंगडा स्टेशन से २ मील) में चातुर्मास किया है । तिजारा जैन पाठशाला के लिये पं० पद्मावतीप्रसाद के प्रयत्न से २०८० ) का स्थायी फंड के लिये चंदा हो गया है । दिगंबर जैन । DOoes जैनेंद्र लघु कौमुदी - पं० मनोहरलालजी शास्त्रीने तैयार की है और वे प्रकट करना चा हते हैं । शास्त्रीजी आजकल जैपुर ब्र० आश्र म हैं । मूडषिद्रि-की जैन सेठ पूरनसाहजी प्रतिवर्ष संस्कृत पाठशालाको १००) व आरानि वासी बाबू धरनेंद्रदासजी १२० ) प्रति वर्ष देते हैं। कर्नाटक में यह एक ही संस्कृत पाठशाला अच्छा कार्य कर रही है | भारतवर्षीय दि० जैन परिषद्कि जिसकी स्थापना गत देहली महोत्सव के समय हुई थी उसका कार्य चालू हो गया है । ला० रतनलालजी एम० ए० सहायक मंत्री बिजनौर से सब प्रकारका पत्रव्यवहार हो सकता है । परिषदका 'वीर" पत्र भी शीघ्र ही प्रकट होने की तैयारी होरही है । खंडवा में सेठ गोपीकीसनजी देवकिसनजीके प्रयत्न व धन व्ययसे पोरवाड़ जातिके ९ गांवोंमें तडें थीं वे मिलगईं हैं । चंपापुर में - श्री वासुपूज्य तीर्थंकर के पंचकल्याण हुए थे जिनमें निर्वाण कल्याणक भादों सुदी १४ को हुआ था । इसी दिन यहां मेला व भागलपुर में रथयात्रा भी होती है । नागपुर - प्रांतिय खंडेलवाल सभाका वार्षिक अधिवेशन आगामी मगसिर वदी १-६-७ को रामटेकजीमें होगा । पानीपत में रक्षाबंधन के दिन ९२०) का दान मिला था जो काशी० स्या० विद्यालय, श्राविकाश्रम बम्बई आदि संस्थाओंको भेजा गया है ।Page Navigation
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