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(देव शिल्प
पातिहार्य
घातिया कर्गों का क्षय करने के उपरानत जब आभा में केवलज्ञान प्रकट होता है तब अतिशय पुण्य की महिमा रो देवों द्वारा निर्मित अनेकानेक विशिष्ट महिमायें रची जाती है । रामवशरण ऐसी ही विभूति है। भगवान के समीप आठ बिशिष्ट मंगल रचनायें भगवान के वैभव में शोभा बढ़ाती हैं। । इन्हें आठ प्रतिहार्य की संज्ञा दी जाती है। ये आठ प्रातिहार्य निम्नलिखित हैं* :१. अशोक वृक्ष
२. सिंहारान ३. छत्र त्रय
४. भामण्डल ५. दिव्याने
६. पुष्प वृक्ष ७. चौसट चमर
८. दुन्दुभि
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१. सिंहासन
२- अशोक वृक्ष
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- भामंडल
३- छत्र त्रय *जैन ज्ञान कोश मराठी ३/१०६