Book Title: Devshilp
Author(s): Devnandi Maharaj
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 479
________________ कोण (द शिल यति भूषण प्रासाद | इसका निर्माण नेमिनाथ प्रासाद के पूर्वोक्त मान से करें तथा उसमें प्ररथ एवं उपरथ के ऊपर तिलक के स्थान पर एक एक श्रृंग चढ़ावें । श्रृंग संख्या तिलक संख्या कर्ण नन्दी ८ कोणी प्ररथ नन्दी ८ प्ररथ भद्र नन्दी ८ कोणी उपरथ नन्दी ਮਰ प्रत्यंग शिखर १६ १६ -------------- कुल २०९ कुल २४ सुपुष्पप्रासाद इसका निर्माण यतिभूषणप्रासाद के पूर्वोक्त मान से करें तथा उसमें प्ररथ एवं उपरथ के ऊपर श्रृंग के स्थान पर एक एक केसरी क्रम चढ़ावें। श्रृंग संख्या कोण कोणी प्ररथ कोणी तिलक संख्या कर्ण नन्दी ८ प्ररथ नन्दी ८ भद्र नन्दी ८ उपरथ नन्दी भद्र प्रत्यंग शिखर ---- कुल २७३ कुल २४ तिलक

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