Book Title: Devshilp
Author(s): Devnandi Maharaj
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 481
________________ (देव शिल्प) तीर्थंकर पाश्र्वनाथ पद्मावती प्रासाद इसका निर्माण पाय वल्लभ प्रास्ताद के पूर्वोक्त मान रो करें तथा उसमें काण के पर एक एक तिल चढावें। तिलक संख्या २४ श्रृंग संख्या कोण प्ररथ भद्र . दी प्रत्यंग ------ --- ३ रुपवल्लभप्रासाद इसका मणिनगा तो प्रासाद के पूर्वोत्तम मान रो करें लथा उसमें प्ररथ के ऊपर एक एका तिलक चढ़ावें। श्रृंग संख्या तिलक संख्या कोण २४ कोग प्ररथ ४. प्ररथ ८ भद्र कोणी प्रत्यंग शिखर १ --- -----------. -- कुल ११३ कुल १२

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