Book Title: Devshilp
Author(s): Devnandi Maharaj
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 477
________________ दय शिल्प तीर्थकर नमिनाथ नमिनाथ जिन वल्लभ प्रासाद नमि श्रृंग प्रासाद तल का विभाग प्रासाद की नकार भूमि के १६ मा। करें। उरागें कोण ३ भाग प्रतिरथ गा गाय ३ गागाकार। शिखर की सजा कोण के पर २ मचाए प्ररथ के ऊपर २ क्रा। चढ़ाएं चारों दिशाओं में भद्र के ऊपर ४ उतश्रृंग चढ़ाएं : श्रृंग संख्या तिलक संख्या को ५६ प्ररथ ११२ प्ररथ । भट्र १६ शिखर -.----.--- ---------- कुल १८५ कुल १२ सुरेन्द्रप्रसाद राजेन्द्रप्रासाद इसका निर्माण सुमति की प्राराराद के पूर्वोत मान इसका निर्माण सुरेन्द्र प्रसाद के पूर्यो।मन से बारे रो करें तथा उसमें प्रस्थ के ऊपर एक तथा इसमेंद्र के ऊपर १२ बदले १६ उसQ श्रृंग अधिक यहा। चढ़ावें। श्रृंग संख्या श्रृंग संख्या कोण कोण १५६ प्रस्थ २८० प्ररथ भद्र १२ 'गद्र प्रत्यंग ३२ प्रत्यंग शिखर शिखर १५६ - - - - - - -- - - - - -- - कुल ४८१

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