Book Title: Devshilp
Author(s): Devnandi Maharaj
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 476
________________ (देव शिल्प) ta (४५४) तीर्थकर नमिनाथ सुमति कीर्तिप्रासाद ___टल का विभाग प्रामाः जागकर भूमि क २६ HIT :ht | रामें का ४ भाग प्रस्थ भट भाग 5 करें। शिखर की सजा को के जार ३ क्रम चढा प्रा के रूपर २ क्रमा हार कार२ रुश्रृंग जाएं प्रसंग ३२ वर्ष श्रृंग संख्या תיִן אַ प्रस्थ ११२ 10 प्रत्या शिखर - - - - - - - - - - - - - - - niuminiaNEER ल सुमति की प्रासाद में ही प्रश्रय के ऊपर २ प्रा। नांदेर राय सर्वतोगद रखने पर 'श्रृंग संख्या केण प्ररथ TRAI DIDI. १५६ शिक्षा - - - - - - - -, " - - - - 383 सानिमी प्रार

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