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(दै शिल्प
दिक्पाल देव दश दिशाओं के प्रत्येक के स्वामी दिक्पाल देव होते हैं। ये देव व्यंतर जाति के हैं। इन्हें लोकपाल भी कहा जाता है। इन देवताओं के नाम इस प्रकार हैं
दिशा का नाम दिक्पाल का नाम
दक्षिण
पश्चिम
आग्नेय -
अग्नि
यम नैऋत्य
नैऋत
वरुण वायच्य
पवन उत्तर
कुबेर ईशान
ईशान ऊध्य
सोम अधो
धरणेन्द्र इन देवों की पूजा, स्थापना, आवाहन पंचकल्याणक प्रतिष्टा के समय किया जाता है । सभी प्रकार की सागान्य एवं विशेष पूजा महोत्सवों के पूर्व दिक्पालों का आवाहन, अर्चन इस लक्ष्य को लेकर किया जाता है कि ये जिनेन्द्र प्रभु की अर्चना गहोत्सक सभी दिशाओं से आने वाले अष्टिों से मुक्त रखें।
दिक्यालकोंकास्वरूप
इन्द्र: पूर्व दिशा का स्वामी वर्ण - तप्त सुवर्ण सदृश वस्त्र - पोले वाहन - ऐरावत हाथी हाथ में - वज धारण
पूर्व दिशा