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(देव शिल्प)
(३२५०
एक द्वार शिवमन्दिर
सूर्य
बायें भाग में
गणेश दाहिने भाग में
पार्वती नैऋत्य कोण में वायव्य कोण में
जनार्दन दक्षिण दिशा में
मातृका उत्तर दिशा में
शान्ति गृह
कुबेर गौरी आयतन गौरी के वाम भाग में
सिद्धि दाहिने भाग में
लक्ष्मी पश्चिम भाग में
सावित्री दोनों कानों के पीछे
गवती एवं सरस्वती ईशान कोण में
गणेश आग्नेय कोण में
कुमार स्वामी मध्य में
सर्व आभरणों से भूषित गौरी सूर्य मन्दिर में नवग्रहों का स्थान में मध्य में आग्नेय में
मंगल दक्षिण में नैऋत्य में पश्चिम में वायव्य में
केतु उत्तर में
बुध ईशान में
शनि चन्द्रमा
सूर्य
राई
शक्र
पूर्व में
* शि. २. १५/२८१-२८२
** शि.र.११/३००-३०१
# शि. र.११/८६.८८