Book Title: Devnar Ka Katalkhana Bharat Ke Lie Kalank Roop
Author(s): Padmasagarsuri, Narayan Sangani
Publisher: Devnagar Katalkhana Virodhi Jivdaya Committee

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Page 8
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir है। जैन धर्म के प्रमुख अनुष्ठान अहिंसाका चरितार्थ करने के लिये ही निर्धारित किये गये हैं । भगवान् महावीर ने 'आचाराङ्ग सूत्र में फरमाया हैं कि : , (6 'सव्वे पाणा सधे भूया सव्वे जीवा सव्ये सत्ता न दंतव्वा न अज्जावेयन्वा न परिघेत्तव्या न उबद्दवेयब्वा एस धम्मे सुद्धे नीए सासए समेच्च लाय खेयन्नेहि पवेइप " " सर्व प्राण, सर्व भूत, और सर्व जीवों और सर्व सत्वों का न मारना चाहिये, न पीडित करना चाहिये न उनको मारने की बुद्धि से ग्रहण ही करना चाहिये, यही धर्म शुद्ध नित्य और शाश्वत है ।" तथापि अहिंसा पुण्यजनक है और हिंसा पापजनक है, इसमें किसी का भी वैमत्य नहीं है। हिंसा सर्व पापों की जनेता है । यह सबने स्वीकारा है । For Private And Personal Use Only ऐसी परिस्थिति में भारत जैसे धर्म प्रधानदेशमें अपने मामुली स्वार्थको सिद्ध करने की बद मुरादसे यांत्रिक साधनों द्वारा हजारों की संख्या में निरपराधी पशुओंका कतल करना यह अत्यंत शर्म जनक बात है । एक पशु या एक पक्षिके जीवन को बचाने के लिये अपना सर्वार्पण करनेवाले कई पुरुषों की जीवनी से जिस भारतका इतिहास अत्युज्जवल है, वही आज हजारों मूक पशुओं की कत्लेआम करके उस इतिहास को कलंकित करनेके लिये भारत सरकार तैयार हुई है । ऐसे तो भारतमें छोटे बड़े कई स्थान माजूद हैं, (जो नहीं होने चाहिये ) फिर भी वर्तमानमें ares के समीप 'देवनार' में आधुनिक तम यंत्र सामग्रीबाला

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