Book Title: Devnar Ka Katalkhana Bharat Ke Lie Kalank Roop
Author(s): Padmasagarsuri, Narayan Sangani
Publisher: Devnagar Katalkhana Virodhi Jivdaya Committee

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Page 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir राक्षसी कतलखाना बनाने की योजना की गई है और इसके द्वारा भारत सरकार अनेक जीवदयाप्रेमी धर्मीजनता की कोमल भावनाओं का खून करने का अधम कृत्य किया है। इस समस्याको हल करने के लिये प्रत्येक भारतवासी कृतप्रतिज्ञ बने और इसका सक्रिय विरोध करे । मुनि श्री पन्नसागरजीने "देवनार का कतल खाना भारतके लिए कलंक रूप" महानिबन्धमें अहिंसा के विषय में अच्छा विवेचन किया है। मांसभक्षण धार्मिक और शारीरिक उभय दृष्टिसे हानिकारक है, उसका प्रमाण देकर अहिंसा के विषयमें सर्व धर्मों का एक देशी वचन भी इस विषयमें उद्धृत किये हैं। इस निवन्धको देखनेसे मुनिश्री की सर्वतो माहिणी प्रतिभा का अच्छा परिचय प्राप्त होता है। मुनिश्रीका क्षयोपशम और परिश्रम इस विषयमें सराहनीय हैं। इस महानिबन्धका पढकर प्रत्येक भारतवासी ऐसे हिंसा विधायक कार्यो का जोरदार विरोध कर अपना धर्म अदा करे यही भावना। श्रमणोपाशक घ्याकरणाचार्य -मुनि हेमचन्द्र विजय For Private And Personal Use Only

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