Book Title: Devnar Ka Katalkhana Bharat Ke Lie Kalank Roop
Author(s): Padmasagarsuri, Narayan Sangani
Publisher: Devnagar Katalkhana Virodhi Jivdaya Committee
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चूनावी सभामें तो खूब आश्वाशन दिया जाता है, परन्तु वे इन आश्वासनोका कितना पालन करते हैं, यह जनता आज अच्छी तरहसे समझने लग गई है !
राजनेताओं का लक्ष शिर्फ चुनाव तकही सिमीत रहता है !
राजस्थानमें कुछ दिनों पहिले एक सर्क्युलर ( आज्ञापत्र ) निकाला गया था, जिसमें आझादी गईथी कि हव्यक्ति को टिड्डी. (टी) मारना - पडेगा । अगर कोई नहीं मारेगा तो वह कानून से सजा का पात्र होगा। क्या यही धर्म निरपेक्ष कहलाने बाली सरकारकी धर्म निरपेक्षता है ? परंतु जो अहिंसा धर्म में विश्वास रखते हैं, वे तो फांसीके तख्ते पर भी चढ जायेंगे, परन्तु ऐसा अकृत कार्य, अधर्म तो नहीं करेंगे । जब उस आज्ञापत्रका खूब प्रतिकार हुआ, तब कुछ उसमें ढील दीगई, कारण यहथा कि इससे विरोधिनेता लाभ न उठालें । इनका जो भी कार्य होता है, उसका लक्ष चुनाव तक ही सिमीत रहता है । आगे चाहे कुछभी हो, उससे इन्हे कोई संबन्ध नहीं ।
इसी प्रकार जब बम्बई के समीप " देवनार" में आधुनिक तमयंत्र से सज्जित यांत्रिक 6< वधशाला " बनने जारही धी, तब उसका जबरदस्त प्रतिकार हुआ, और कुदरती पापादयवशात् चीनके साथ युद्ध छिड़ जानेसे कार्यको कुछ दिनों के लिये स्थगित कर दियागया । अब पुनः उस हिंसक योजनाको कार्या न्वित करनेके लिए प्रयत्न किया जारहा है । इसके विरोधका उत्तर वे इस प्रकार देते हैं कि देशकी योजनाओंकी पूर्तिके लिखे बिदेशी मुद्रा चाहिये । आज इस प्रकारकी हिंसासे, मूक पशुओं के रक्त और मांस से द्रव्य प्राप्तकर और वह द्रव्य जनता को खिलाकर जन मानसके मानसिक पवित्रका नाश किया जा रहा है ।
यह तो एक प्रकार से अनीति, भ्रष्टाचार और अनाचारके लिए राजमार्गका कार्य कर रहा है। जिस प्रकारका अन
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