Book Title: Devnar Ka Katalkhana Bharat Ke Lie Kalank Roop
Author(s): Padmasagarsuri, Narayan Sangani
Publisher: Devnagar Katalkhana Virodhi Jivdaya Committee

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Page 28
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १८ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चूनावी सभामें तो खूब आश्वाशन दिया जाता है, परन्तु वे इन आश्वासनोका कितना पालन करते हैं, यह जनता आज अच्छी तरहसे समझने लग गई है ! राजनेताओं का लक्ष शिर्फ चुनाव तकही सिमीत रहता है ! राजस्थानमें कुछ दिनों पहिले एक सर्क्युलर ( आज्ञापत्र ) निकाला गया था, जिसमें आझादी गईथी कि हव्यक्ति को टिड्डी. (टी) मारना - पडेगा । अगर कोई नहीं मारेगा तो वह कानून से सजा का पात्र होगा। क्या यही धर्म निरपेक्ष कहलाने बाली सरकारकी धर्म निरपेक्षता है ? परंतु जो अहिंसा धर्म में विश्वास रखते हैं, वे तो फांसीके तख्ते पर भी चढ जायेंगे, परन्तु ऐसा अकृत कार्य, अधर्म तो नहीं करेंगे । जब उस आज्ञापत्रका खूब प्रतिकार हुआ, तब कुछ उसमें ढील दीगई, कारण यहथा कि इससे विरोधिनेता लाभ न उठालें । इनका जो भी कार्य होता है, उसका लक्ष चुनाव तक ही सिमीत रहता है । आगे चाहे कुछभी हो, उससे इन्हे कोई संबन्ध नहीं । इसी प्रकार जब बम्बई के समीप " देवनार" में आधुनिक तमयंत्र से सज्जित यांत्रिक 6< वधशाला " बनने जारही धी, तब उसका जबरदस्त प्रतिकार हुआ, और कुदरती पापादयवशात् चीनके साथ युद्ध छिड़ जानेसे कार्यको कुछ दिनों के लिये स्थगित कर दियागया । अब पुनः उस हिंसक योजनाको कार्या न्वित करनेके लिए प्रयत्न किया जारहा है । इसके विरोधका उत्तर वे इस प्रकार देते हैं कि देशकी योजनाओंकी पूर्तिके लिखे बिदेशी मुद्रा चाहिये । आज इस प्रकारकी हिंसासे, मूक पशुओं के रक्त और मांस से द्रव्य प्राप्तकर और वह द्रव्य जनता को खिलाकर जन मानसके मानसिक पवित्रका नाश किया जा रहा है । यह तो एक प्रकार से अनीति, भ्रष्टाचार और अनाचारके लिए राजमार्गका कार्य कर रहा है। जिस प्रकारका अन For Private And Personal Use Only

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