Book Title: Devnar Ka Katalkhana Bharat Ke Lie Kalank Roop
Author(s): Padmasagarsuri, Narayan Sangani
Publisher: Devnagar Katalkhana Virodhi Jivdaya Committee
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करते हुए उस समय कहाकि-" My dear friends, My abdomen is not burving place for dead bodies,”
अर्थात मेरा पेट कोई इन मूको दाटनेका कबरस्तान नहीं है।” आगे उन्होंने कहा कि जबतक पशु हिंसा हाती रहेगी तबतक विश्वशांति असंभवित हैं, विश्वशांतिके लिये पशुवध शीघ्र बंद करदेना चाहिये, कारण कि पशुहिंसा से करता बढती है, और वही क्रूरता विश्वयुद्धों को जगाती है ।" इस प्रकार से सभी धर्मचार्या ने एक स्वर से अहि साकी पुष्टी की है। परन्तु अफसोस हैं कि आज इसका व्यवहारिक व क्रियात्मक रूप से पालन नहीं हो रहा है । इसी लिये हमारी अहिंसा आज निस्तेज दिखलाई देरही है।
मनसा, वचसा, कर्मणा त्रिकरण शुद्धिपूर्वक अगर हम उसका पालन करेंगे, तो अवश्य मेव आत्मिक बल एवं अखड शांति प्राप्त होगी।
मैं साशनदेव से हार्दिक प्रार्थना करता हूं कि इस प्रकारकी जीवहिंसा, कतलखाना, और मांसाहारके विरोधके लिए सबको आत्मबल प्रदान करे । विश्वके समस्त प्राणीयोंको सद्बुद्धि प्रदान करें।
हमारी अंतिम इच्छा :हमारी अंतिम यही हार्दिक इच्छा है कि,-विश्वमें सम्पूर्ण जीव हिंसा बंद होजाय, और पूर्णरूपसे अहिंसक साम्राज्यकी स्थापना हो । जयवीर । ॐ शांति: - देवनार कतलखाना विरोधी भावनगरकी जनताका
जाहिर प्रस्ताव देवनार कतलखानाके विरोध भावनगरकी सामाजिक, सांस्कारिक, और धार्मिक संस्थाएं व आम जनता के सहकार से दिनांक
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