Book Title: Devnar Ka Katalkhana Bharat Ke Lie Kalank Roop
Author(s): Padmasagarsuri, Narayan Sangani
Publisher: Devnagar Katalkhana Virodhi Jivdaya Committee

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Page 20
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra वस्तुका नाम उड़द : बदाम - मूंगफली गाय का दूध भैसका दूध करेका मांस www.kobatirth.org १० प्रोटीन: चर्बी. २२.३३ १.९५ २४.०० २७.५ ३.५ ६.११ १८.० गाय व बैलका मांस २०.० मूर्गे का मांस २२.७ अंडा ई ५४.० ४५.५ ४.०.. ७.४५ ५.०. १.५ ४.१ १६.१२ ३१.३९ काबेज ५५.२२ १०.० १५.७ ३.५ ४.१७ X ०.६ १.३ X Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खनिज X For Private And Personal Use Only पानी X ३.० ६.० २.५ ७.५ ०.७५ ८७.२५ ०.८५ ८१.४० १.० ७६० १.२ ७६.० १.१ ७०.४ १.०१ ५१.३ उपर्युक्त तालिका से तो यह सिद्ध होगया कि पौष्टिक पदार्थ सात्विक वस्तुओं में ज्यादा है। विज्ञानके नामपर अवैज्ञानिक कार्य: आजकी शिक्षित प्रजा वैज्ञानिकोंपर ज्यादा विश्वास रखती है । उनको अपने राष्ट्रका गौरव मानती है । जब किसी समय ऋषिमुनियांका राष्ट्रका प्रतीक मानाजाता था। उन्ही वैज्ञानिकां के अनुयाई आज ऐसे कई मिथ्यासक मांसाहार व जीव हिंसा लिए देते हैं, जैसे कि खाद्याभाव, कृषिको हानि पहुचाने, शारिरीक पुले, और वैज्ञानिक साधन एवं दवा आदिके लिए । परंतु इन. तर्कों में कुछ भी तथ्य नहीं है, अपने बचावका एकमात्र मिया बहाना है । पशु और मानवके मध्यके अंतरका जब विचार करेगे, तब ज्ञातहोगा कि आजके लोग कितने हद तक पाशविक वृत्तिसे ग्रसित हैं । अब उनके प्रश्नोंपर भी थोडा विचार एव दृष्टिपात कर लें।

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