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वस्तुका नाम
उड़द :
बदाम -
मूंगफली
गाय का दूध
भैसका दूध
करेका मांस
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१०
प्रोटीन: चर्बी.
२२.३३ १.९५
२४.००
२७.५
३.५
६.११
१८.०
गाय व बैलका मांस २०.०
मूर्गे का मांस २२.७
अंडा
ई
५४.०
४५.५
४.०..
७.४५
५.०.
१.५
४.१
१६.१२ ३१.३९
काबेज
५५.२२
१०.०
१५.७
३.५
४.१७
X
०.६
१.३
X
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खनिज
X
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पानी
X
३.०
६.०
२.५
७.५
०.७५
८७.२५
०.८५
८१.४०
१.०
७६०
१.२
७६.०
१.१
७०.४
१.०१ ५१.३
उपर्युक्त तालिका से तो यह सिद्ध होगया कि पौष्टिक पदार्थ सात्विक वस्तुओं में ज्यादा है।
विज्ञानके नामपर अवैज्ञानिक कार्य:
आजकी शिक्षित प्रजा वैज्ञानिकोंपर ज्यादा विश्वास रखती है । उनको अपने राष्ट्रका गौरव मानती है । जब किसी समय ऋषिमुनियांका राष्ट्रका प्रतीक मानाजाता था। उन्ही वैज्ञानिकां के अनुयाई आज ऐसे कई मिथ्यासक मांसाहार व जीव हिंसा लिए देते हैं, जैसे कि खाद्याभाव, कृषिको हानि पहुचाने, शारिरीक पुले, और वैज्ञानिक साधन एवं दवा आदिके लिए । परंतु इन. तर्कों में कुछ भी तथ्य नहीं है, अपने बचावका एकमात्र मिया बहाना है ।
पशु और मानवके मध्यके अंतरका जब विचार करेगे, तब ज्ञातहोगा कि आजके लोग कितने हद तक पाशविक वृत्तिसे ग्रसित हैं । अब उनके प्रश्नोंपर भी थोडा विचार एव दृष्टिपात कर लें।