Book Title: Chatushatak Part 02
Author(s): Vidhushekhar Bhattacharya
Publisher: Visva Bharti Book Shop

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Page 233
________________ 208 CATUHSATAKA 1336 कुतः कश्चिदषयवी। महि रूपादिव्यतिरेकेणावयवी नाम परिच्छेत्तु पार्यते। न चापरिच्छिद्यमानस्वरूपस्य सत्त्वमास्थातु शक्यमित्यसन्नवयवो। यस्माचावयवी नास्ति तस्माद्रूपमवयवत्वेनापि न सम्भाव्यत इति न स्त एवावयवावयविनौ // 8 // 335 CSV : इतव रूपादिसमुदायो न घटः। यस्मात् / gzugs rnams kun lahan gzugs nid nil mtshan nid mi mthuo ma yin no gcig la bum pa yod hgyur zin | gz'an dag la min rgyu ci z'ig | 10 In a V and Vx of CS la for lahan. In b V na for no. * सर्वेषामपि रूपाणां रूपत्वमविलक्षणम्। . .. एकस्य घटसद्भावो नान्येषां किं नु कारणम् // 10 // In d for kim nu as required and supported by Tib. HPS kim na which is followed by V. ____CSV : सर्वेषामपि रूपाणामिति रूपस्कन्धसंग्रहीतत्वाद्र्पगन्धादयो रूपाणीत्युच्यन्ते / तानि रूपाणि घट इव पटादिष्वपि सन्ति। न च तानि घटादिभेदेऽपि स्खलक्षणं व्यभिचरन्ति। सर्वत्रैव तुल्यलक्षणत्वात्। तव यथैकस्य रूपस्य घटत्वेनावस्थान तथान्यस्यापि पटादि सम्बन्धिनो रूपस्य कस्माद घटखेनावस्थानं नेयते। युज्यते तु तस्यापि घटवेनावस्थानं लक्षणाभेदाद घटा'वस्थितरूपादिवत्। एवं त्वनभ्युपगमे कारण मेव न सम्भवति। ततस सर्वेषामेव घटत्व प्राप्रोति। यहा घटस्थापि घटत्व न प्राप्नोति / यथा च घटादीनामभेदप्रसङ्ग एवं रूपगन्धादीनामप्यभेदप्रसङ्गः: प्रानोति। एकस्माद घटादनन्यत्वात् // 10 // 336 CSV : अथ मन्यसे यद्यपि घटादन्यत्वमेषां [नास्त्येव तथापि] रूपसा रसादिभ्यो भेदोऽम्ति। तस्मादभेदप्रसङ्गाभाव इति। एतदप्ययुक्तमिति प्रतिपादयवाह--। 1 Tib. om. ucyante. . Tib. snam bu la sogs : snam bu means kambala, but it is taken here in the sensa of pata. HPS ghatadi.. J Tib ghatatva Tib. rgyu: HPS karana'. Tib. thal bar. HPS om. prasabga. *TIb. mayin pa iid yin modkyilde ltar na yan%3; HPS om. it.

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