Book Title: Buddhisagar Author(s): Sangramsinh Soni Publisher: Shrutbhuvan Sansodhan Kendra View full book textPage 7
________________ कृतज्ञता मेरे परम उपकारी परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचंद्रसूरीश्वरजी महाराजा, पितृगुरुदेव परम पूज्य मुनिप्रवरश्री संवेगरति विजयजी म.सा.की पावन कृपा, बंधुमुनिवरश्री प्रशमरतिविजयजी म.का स्नेहभाव मुनिराजश्री संयमरतिविजयजी तथा पू. आ. श्री विजय अभयदेवसू.म. के शिष्य मुनिराजश्री जिनरत्नविजयजी म. के शिष्य मुनिराजश्री प्रभुशासनरत्नविजयजी म. एवं परम पूज्य साध्वीजी श्रीहर्षरेखाश्रीजीम. की शिष्या साध्वीजी श्रीजिनरत्नाश्रीजीम. का निरपेक्ष सहायकभाव मेरी प्रत्येक प्रवृत्ति की आधारशिला है। आपके उपकारों से उऋण होना संभव नहीं है। संपादन के इस कार्य में मुझे पूज्य आ.श्री मुनिचंद्रसू.म. का मार्गदर्शन, प्रेरणा एवं सहायता प्राप्त होती रही है। आपकी उदारचित्तता को शत शत नमन। संपादन कार्य में श्रुतभवन संशोधन केन्द्र के सभी संशोधन सहकर्मिओं ने भक्ति से सहकार्य किया है, अतः वे साधुवादाह है। - वैराग्यरतिविजय श्रुतभवन,पुणे २७.५.१३ संपादकमंडल मुनिश्री वैराग्यरतिविजयगणि (अभिवीक्षक), अमित उपाध्ये (संपादन सहायक) शैलेश शिंदे (प्रकल्प प्रमुख) तुषार सुर्वे (अनुवाद सहायक) अतुल मस्के (अनुवाद सहायक) विनय गायकवाड (अनुवाद सहायक) दिनेश उदागे (अनुवाद सहायक) शैलेश पवार (सहायक), कृष्णा माळी (सहायक), गणेश खेडकर (सहायक), भालचंद्र रोडे (सहायक), भूपत वंश (सहायक), भरत शिंदे (सहायक) सिद्धनाथ गायकवाड (प्रबंधन सहायक) वर्धमानजिनरत्नकोश विभाग (सहायक)Page Navigation
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