Book Title: Bhoj Charitra
Author(s): Rajvallabh, B C H Chabda, Shankar Narayanan
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 13
________________ प्रथमः प्रस्तावः अलक्तकेन' संलिप्य चलिता वधकास्वतः । मार्ग पश्यति यावद्राट् तावत्तैर्दर्शित शिरः ॥११३।। दृष्ट्वा तद् भूपतेस्तस्मिन् प्रेममुल्लसितं महत् । वाण्या सगद्दं राजा वधकान् पृच्छति स्म तान् ॥११४॥ कण्ठच्छेदनलायां किंचित्तेनोक्तमस्ति वः" । पट्टान्तराधराण्यस्माकं दत्तानि गृहाण भोः ! ॥११५।। सगद्गदगिरा भूपो वाचयत्यक्षरावलीम् । मुमोच नेत्रवारीणि दीपनिःश्वसितानि च ॥११६।। यथा - मान्धाता स" महीपतिः कृतयुगेलकार भूतो गतः सेतुर्येन महोदधौ विरचितः कासौ दशास्यान्तकः'' । अन्ये चापि युधिष्ठिरप्रमृनयो थावद्भवान् भूपते ! नैकेनापि समं गता वसुमती मन्ये त्वया यास्यति ॥११७॥ श्लोकार्थ हृदये न्यस्य प्रनः पृच्छति तान् नरान् । सत्यं वदत'' मे चालो भवद्भिः किं हतो न वा ।।११८|| भाषिरे भयाक्रान्ता भृपाशा केन लुप्यते । नृप ऊथ किं कुर्मः स्वजिताया विनाशितम् ॥११९॥ यथाआपण ही पंषे रीयो उरसा मुहां अंगार | दाझण लागो रे हिया तव ते जांणी सार ।।१२०॥ दुःसह मोजदुःख मे विस्मरेम" मृति" विना । एवं ज्ञात्या स्वशीर्षस्य च्छेदनायोद्यतोऽभवत्" ॥१२१।। बारितो वधक पस्तिष्ठ विष्ठेति भाषणात् ।' कुमारो विद्यमानोस्ति त्वत्परीक्षार्थमागताः ॥१२२॥ 2. I आलकूपन । ५. 1", A, ur! 131 भूपस्तम् ।... PA, I31 ant! Bs तावदर्शापितः( तं)। 4. In and 13 दृधा (ट:) | IP, A, II And Baपुच्यते वधकान् प्रति। 6. PA,BI and I किचितं वचस्तव । 1, IPA, BI and B नेत्रवारिप्रवाहेन दोनिःश्वसितेन च। 8. Psorts यथा। 9. A, B and a सु। 10. Pa, A, und Rai ft 11. P A 1 and bu 2. Lalds, after this verse the following: - धरणी घरणोधरसुंगई अभिलभूपति भूसुरसुंगई। गया गाण्डव कौरव ते धनी वसुमती किमहिया बापणिम् 1 13. Pral P3 पद से। 11. 1 °जिह्वया। 15. Lहै। 18. Py, A, BI and Raन विम्मायं। 17. A मतं । 18. P.A, ariel B स्त्रयं शीर्षे। 19. P.A, Blairl नाय मुभवृतः । 20. PA, RI indi भापितम् ।

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