Book Title: Bhavishyadutta Charitram
Author(s): Meghvijay Gani, Mafatlal Zaverchand Gandhi
Publisher: Mafatlal Zaverchand Gandhi
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________________ भविष्यदत्त चरित्रम 123 षोडशोऽ ििधकार अथ भविष्यदत्तचरित्रे षोडशोऽधिकारः गलन् रुद्रस्य भालाग्रे, चन्द्रः शान्तिसुधात्मनः / क्रमाबजसेवया यस्य, वर्द्धते स सुखाय वः // 1 // अथाऽभ्यपिश्चद् भूभर्ता, जलैः कर्पूरमिश्रितैः / तीर्थभूमेः समानीतैः, शुदैः श्रीजिनमष्टमम् // 2 // तनुमक्षालनादेवं, देवस्य धीमता स्वयम् / तेन नैर्मल्यमाधायि, ध्यानच्छकानुकारिणा // 3 // यतः-यः देवं स्नपयंति शाम्यतितमं तेषां रजः कर्मणाम् / ये नायं परिपूजयंति जगतः, पूज्या भवन्त्येव ते // माजल्यानि जिनस्य ये विदधते, तदविघ्ननाशो भवेत / पादाब्जे प्रणमंति ये भगवतस्ते वन्दनीयाः सताम् // 4 // पूजेकधा जिनेन्द्राणामाऽऽज्ञा मामाण्यतो भवेत् / द्रव्य-भावप्रकारेण, द्विविधाडप्यागमोदिता // 5 // आजाअभावभेदैः स्यात, त्रिविधा सा चतुर्विधा / पुष्पनैवेद्यमस्तोत्र-पतिपत्तिविधानतः॥६॥ पञ्चधा दीपसंयोगात्, पोढाऽक्षतनिवेदनात् / सप्तधा फलसम्पत्या, गन्धसम्बन्धतोऽधा // 7 // एपा हि द्रव्यभावाभ्यां, सामान्येन समीरिता / द्रव्यपूजाऽष्टया धूप-जलरूपप्रयोजनात् // 8 // यतः-वरगंषधूवचोक्खखएहि कुसुमेहिं पवरदीवेहिं / नेविजजलफलेहि य, जिणपूआ अट्टहा भणिया // 9 // जलोपलक्षणाद दुग्ध-दधीशूरससर्पिषां / अभिषेकोऽहंतां कार्यों, जन्मकल्याणभक्तये // 10 // गन्धोपलक्षणाद्वौनिर्दषणविभूषणैः / जिनाची कुर्वतां लक्ष्मीः, प्रभवेत्सर्वतोमुखी // 11 // ALLEKXXXXXXXXXXXXXXXXX

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