Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
View full book text ________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
[ ७१४]
संख्या
प्रयोगनाम
८९६४ पिप्पल्याचं चूर्णम्
४८२४ भल्लातकाचः क्षारः
४८३५ भूनिम्बादि क्षारः ४८३७ भूनिम्बाधं चूर्णम्
४६३२ बिल्वफलादि चूर्णम् साम और रक्त ग्रहणी |
४८१९ भर्जितहरीतकीयोगः ग्रहणीको नष्ट और
वायुको अनुलोम
करता है ।
ग्रहणी,
शूल, गुल्म ।
अग्नि दीपक ।
३००८ द्राक्षादि गुटिका
गुटिका-प्रकरणम्
३०१५ दशमूल गुडः
www.kobatirth.org
वातज संग्रहणी, अग्निमांद्य
३०२३ दासलोहरसायनम्
४६४८ बाहुशाल गुडः
चिकित्सा - पथ-प्रदर्शिनी
मुख्य गुण संख्या
अवलेह - प्रकरणम्
ग्रहणी, अरुचि, अतिसार, ज्वर ।
उदावर्त,
पित्तज ग्रहणी, पाण्डु कामला, तृषा, भ्रम, हिचकी ।
सूजन, सामग्रहणी, शूल, कब्ज, अर्श, अग्निमांद्य ।
कफपित्तज ग्रहणी । समस्त ग्रहणी, कामला, पाण्डु, शोथ ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रयोगनाम
४६६८ बिल्वाद्यं
३०७६ द्विपञ्चमूल्यादिघृतम् ४०५८ पञ्चमूलाद्यं घृतम्
घृत-प्रकरणम्
४६७२ बृहतीचित्रक
क्षार
For Private And Personal Use Only
""
३०९९ दाडिमाद्यं तैलम्
४६९० बिल्व तैलम्
"
३१२३ दशमूलासवः
४१५१ पिण्डासवः ४५३३ फलारिष्टः
तैल-प्रकरणम्
मुख्य गुण
अग्निवर्द्धक, पाचक | अग्निवर्द्धक तथा शू
अफारा और
ल,
ग्रहणी नाशक ।
संग्रहणी, शोथ, अनिमांद्य, अरुचि ।
अग्निदीपक, ग्रहणीनाशक ।
भयङ्कर संग्रहणी, अर्श ।
आसवारिष्ट-प्रकरणम्
ग्रहणी, मन्दाग्नि, अ
रुचि, अतिसार, अ
र्श, शोथ, ज्वर, खांसी, सूतिका रोग ।
आध्मान, पाण्डु, शरीरको पीड़ा, अग्निमांध |
अग्निदीपक ।
ग्रहणी, अर्श, पाण्डु, विषमज्वर ।
Loading... Page Navigation 1 ... 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773