Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 729
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [७३४] चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी - - - - - संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण । संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण ४३१४ पाण्डुगजकेसरी रसः पाण्ड, हलीमक, शो लीमक, ज्वर, शोथ, ___थ, अग्निमांद्य । खांसी, श्वास। ४३१५ पाण्डुनाशन रसः समस्त प्रकारके पा ४४२१ पुनर्नवामण्डूरम् पाण्डु, शोष, उदर रोग, शूल। ४३१६ पाण्डुनाशन रसः पाण्डु, शोथ, कफ, ४४४३ प्रतापलकेश्वर रसः सर्वदोषज पाण्डु । वायु। | ४४७० प्रवाल प्रयोगः पाण्डु। ४३१७ पाण्डुपङ्कशोषणरसः पाण्डु, शोथ । ४४७८ प्राणवल्लभो रसः कामला, पाण्ड, ह. ४३१८ पाण्डुपश्चानन रसः हलीमक, पाण्डु, शो. लीमक और आनाह थ, अग्निमांद्य । नाशक (कामलामें ४३१९ पाण्डुसूदन रसः पाण्डु। विशेष उपयोगी)। ४७४६ बिभीतकाख्य ४३२० , , पाण्डु, शोथ। ४३२१ पाण्डुहारी हरीतकी शोष, पाण्डु । लवणम् पाण्डु। ४७४७ बिभीतकाथो वटकः भयङ्कर पाण्डु । ४३२२ पाण्ड्वरि रसः पाण्डु, कामला । ४९६३ भूनिम्बादि गुटी पाण्डु । ४४०२ पित्तपाण्ड्डरि रसः पित्तज पाण्डु । | ४९६४ भेकराज रसादि ४४२० पुनर्नवा मण्डूरम् पाण्ड, कामला, ह- मोदकः पाण्डु। (३०) पित्तरोगाधिकारः रस-प्रकरणम् ४४०१ पित्तकृन्तनो रसः पित्त रोग । ४४०३ पित्तप्रभजनो रसः वात पित्तज रोग। ४४०८ , . , ४४०७ पित्तान्तक रसः कोष्ठ तथा शाखा- । श्रित पित्त, अम्ल पित्त, पाण्डु, हलामक, भ्रान्ति, वमन पित्त, पित्तज्वर, दाह तृषा, शोथ, क्षय । For Private And Personal Use Only

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