Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 765
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [७७० चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी (५७) स्नायुक रोगाधिकारः संख्या प्रयोगमाम मुख्य गुण । संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण कषाय-प्रकरणम् लेप-प्रकरणम् ३३९९ निर्गुण्डोस्वरस | ४७०३ बब्बूलबीजादि लेपः शोथ और पीडाप्रयोगः कष्ट साध्य स्नायुक (नहरुवे ) को ६ युक्त हर प्रकारका दिनमें नष्ट कर स्नायुक। देता है। (५८) स्वरभेदाधिकारः कषाय-प्रकरणम् अवलेह-प्रकरणम् २८७७ दुग्धामलकयोगः स्वरशोधक। ३४६७ निदिग्धिकायो ३३७९ निदिग्धिकादिप्रयोगः स्वरभेद । ऽवलेहः स्वरभंग, प्रति४५५१ बदरीपत्रयोगः स्वरभंग, खांसी । श्याय, खांसी। | ४६५० बिभीतकावलेहः स्वरभेद । चूर्ण-प्रकरणम् घृत-प्रकरणम् ३९५४ पिप्पल्यादि चूर्णम् कफज स्वरभंग । | ४०९० पिप्पल्याचं घृतम् कफज स्वरभंग। ४५२३ फलत्रिकादि चूर्णम् स्वरभंग । रस-प्रकरणम् ४६३८ ब्राहयादि , स्वर शोधक तथा । ४३९२ पारिजातटकणम् स्वरभंग, क्षय इत्यावर्द्धक । दि समस्त रोग। ४६३९ , , , , ४९६८ भैरवरसः कष्टसाध्य स्वरभेद, श्वास, खांसी। For Private And Personal Use Only

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