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चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
(५७) स्नायुक रोगाधिकारः संख्या प्रयोगमाम मुख्य गुण । संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण कषाय-प्रकरणम्
लेप-प्रकरणम् ३३९९ निर्गुण्डोस्वरस
| ४७०३ बब्बूलबीजादि लेपः शोथ और पीडाप्रयोगः कष्ट साध्य स्नायुक (नहरुवे ) को ६
युक्त हर प्रकारका दिनमें नष्ट कर
स्नायुक। देता है।
(५८) स्वरभेदाधिकारः कषाय-प्रकरणम्
अवलेह-प्रकरणम् २८७७ दुग्धामलकयोगः स्वरशोधक। ३४६७ निदिग्धिकायो ३३७९ निदिग्धिकादिप्रयोगः स्वरभेद ।
ऽवलेहः स्वरभंग, प्रति४५५१ बदरीपत्रयोगः स्वरभंग, खांसी ।
श्याय, खांसी। | ४६५० बिभीतकावलेहः स्वरभेद ।
चूर्ण-प्रकरणम्
घृत-प्रकरणम् ३९५४ पिप्पल्यादि चूर्णम् कफज स्वरभंग ।
| ४०९० पिप्पल्याचं घृतम् कफज स्वरभंग। ४५२३ फलत्रिकादि चूर्णम् स्वरभंग ।
रस-प्रकरणम् ४६३८ ब्राहयादि , स्वर शोधक तथा । ४३९२ पारिजातटकणम् स्वरभंग, क्षय इत्यावर्द्धक ।
दि समस्त रोग। ४६३९ , , , , ४९६८ भैरवरसः कष्टसाध्य स्वरभेद,
श्वास, खांसी।
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