Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy
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[७४०]
चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
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संख्या प्रयोगनाम मख्य गुण संख्या प्रयोगमाम मुख्य गुण लेप-प्रकरणम्
३६५१ नारायण रसः भगंदर, गुल्म, शूल । ३१३९ दन्त्यादि लेपः दुस्साध्य भगन्दर । ४९३७ भगन्दरारि रसः भगन्दर । ४७११ बिडालास्थि लेपः भगन्दर, दुष्ट व्रण। ४९३८ भगन्दरापदश
रसः भगंदर, उपदंश। रस-प्रकरणम्
मिश्र-प्रकरणम् ३६५० नारायण रसः भगन्दर, नाड़ी व्रण।। ३६८८ निशादि वर्तिः भगंदर और मासूर।
(३५) मुखरोगाधिकारः कषाय-प्रकरणम्
गुटिका-प्रकरणम् २९०७ द्राक्षादि कषायः मुखपाक नाशक ३९९३ पञ्चकोलाद्या कवलग्रह ।
गुटिका कण्ठरोग २९०९ " " मुखपाक नाशक
तैल-प्रकरणम् गण्डूष ।
३११० देवदारु तैलम् गलरोग । ३६९२ पश्चपल्लव काथः मुखपाक। ३७१२ पञ्चवल्कलादिकाथः ।,
लेप-प्रकरणम् ३७२१ पटोलादि काथः समस्त मुखरोग।
| ३५६२ न्यग्रोधाद्युद्वर्तनम् मुखकी झाई । ३७३२ , , मुखपाक ।
४१६७ पत्राङ्गादि लेपः रंग गोरा करता है। ३८३० पिप्पल्यादिकवलः उपकुशादि मुखरोग।
।। ४२११ प्रियवादि , अत्यन्त सौन्दर्य ३८३१ , , समस्त मुखरोग ।
वर्द्धक। ४६०० बृहत्यादि काथः कृमिदन्तकी पीड़ा ।
रस-प्रकरणम् चूर्ण-मकरणम्
४३९४ पार्वती रसः मुखरोग, तृष्णा । २९८१ द्राक्षादि चूर्णम् गलरोग । ३९१२ पीतक , मुखरोग, कण्ठरोग ।
मिश्र-प्रकरणम् । ३२२४ दन्तधावन योगः मुखकी गन्ध ।
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