Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 752
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चिकिस्सा-पय-प्रदर्शिनी [७५७] संख्या प्रयोगमाम मुख्य गुण । संख्या प्रयोगमाम मुख्य गुण ३७२६ पटोलादि काथः अपक मसूरिका को ४६२१ बादरचूर्ण सोगः मसूरिकाको शीघ्र शान्त और पक्कको पकाता है। शुद्ध करता है। विस्फोटक ज्वर में घृत-प्रकरणम् अत्यन्त उपयोगी। | ४.५५, पञ्चतिक्तकं घृतम् त्रिदोषज विस्फोटक ३७६२ , , विस्फोटकवर । विसर्प, खुजली। ३७६३ , , विस्फोटक, दुष्टत्रण विसर्प। लेप-प्रकरणम् ४७९९ भूनिम्बादिकषायः सर्व प्रकारके विस्फो |३५५० निशादि लेपः रोमान्तिका, विस्फो टक । टक। ४८०० , काथः विस्फोटक, दाह, ३५५९ न्यग्रोधादि , वातज मसूरिका । ज्वर, मुखशाष, वमन, तृषा । रस-प्रकरणम् ४८०८ , , कफज .विस्फोटक ३२१६ दुर्लभो रसः मसूरिका । ४८०९ , , मसूरिका । ४८१० , सप्तकः दुःखदायी शीतला । मिश्र-प्रकरणम् | ३३४३ धात्र्यादि गण्डूषः मसूरिकामें होनेवाले चूर्ण-प्रकरणम् मुख तथा कण्ठ के ३८८५ पश्चवल्कल चूर्णम् पीपयुक्त मसूरिका । । घाव। (१९) वृद्धयधिकारः चूर्ण-प्रकरणम् लेप-प्रकरणम् २९६४ दार्वी चूर्णम् अण्डवृद्धि । ४१६१ पञ्चवल्कलादिलेपः पित्तज अण्डवृद्धि। ३९०५ पथ्यादि चूर्णम् वृद्धि । ४१९४ पिप्पल्यादि , अन्त्रवृद्धि । ४१९८ पुनर्नवादि , वृद्धि, शूल । तैल-प्रकरणम् ४७१९ ब्राह्मणयष्टिकादि, कुरण्ड रोग । ३११३ द्विजीरका तैलम् अण्डवृद्धि । ४९१२ भार्यादि अण्डवृद्धि गण्ड माला। For Private And Personal Use Only

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