Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

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Page 757
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [७६२] चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी (५३) शूलाधिकारः संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण । संख्या प्रयोगमाम मुरुग गुण कषाय-प्रकरणम् चूर्ण-प्रकरणम् २८६४ दादि काथः वातकफशूल, आम, २९४५ दन्त्यादि चूर्णम् विरेचन होकर परिमलावरोध । णाम शूल नष्ट होता २८७८ दुरालभादि कल्कः वातपित्तज शूल । २९२४ द्राक्षादि काथः पित्तकफज , | २९५४ दाडिमादि , पित्तज शूल । ३२५४ धात्र्यादि प्रयोगः पित्तशूल । २९६६ दीप्यकादि , शूल, मन्दाग्नि । ३३५३ नागरादि कल्कः परिणाम शूल । ३२७३ धात्री चूर्णम् पित्तज शूल। ३३६१ नागरादि काथः शूलको ३ दिनमें न ३८९५ पथ्यादि चूर्णम् कफज शूल। ष्ट करता है। ३९०२ , , वातज, कफज और ३३६५ , , वातज शूल ।। आम जन्य शूल। ३३७६ निदिग्धिकादि , शूल। ३९०४ , " वातज शूल। ३७५४ पटोलादि , पित्तकफज शूल। । ३९४१ पिप्पलीमूलादि ३७७५ पथ्यादि , आम, कफज शूल । प्रयोगः | ४६३५ बिल्वादि चूर्णम् शूलको तुरन्त नष्ट ३८५४ पुनर्नवादि स्वेदः वातज शूल। करता है ४५५४ बलादि काथः " " . ४६३७ बीजपूर , वातज शूल । ४५७४ बिल्वादि , . कफज , ४५९४ बीजपूररसयोगः दारुणहृच्छूल । गुटिका-प्रकरणम् ४५९६ बीजपूरस्वरसयोगः पसली, बस्ति और । ४६४१ बिल्वादि गुटिका वातज शूल । हृदय का शूल, को. ष्ठकी वायु । अवलेह-मकरणम् ४६०१ बृहत्यादि काथः भयङ्कर पित्तज श ३४६९ नारिकेल खण्डः शूल, वमन, अम्ललको तुरन्त नष्ट करता है। पित्त, अरुचि, ३४७० नारिकेलखण्डपाकः परिणाम शूल । शूल। For Private And Personal Use Only

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