Book Title: Bharat Bhaishajya Ratnakar Part 03
Author(s): Nagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
Publisher: Unza Aayurvedik Pharmacy

View full book text
Previous | Next

Page 727
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra [ ७३२] संख्या प्रयोगनाम ४९२६ भास्कर वर्तिः ४९२७ भास्कराञ्जनम् ४९२८ भीमसेनी कर्पूर नस्य-प्रकरणम् ४७२९ बृहत्यादि नस्यम् ३६०० नयनचन्द्र लोहम् ३६६६ नेत्राशनि रसः रस-प्रकरणम् ३३३९ धात्रीपिण्डी तिमिर । २८३३ दशमूलादि काथः मिश्र-प्रकरणम् ४५२१ फलत्रिकादि काथः " चिकित्सा - - पथ-प्रदर्शिनी अत्यधिक निद्रा । www.kobatirth.org मुख्य गुण कषाय-प्रकरणम् समस्त नेत्ररोग | आंखोंसे रक्तस्राव होना, नक्तान्ध्य, ति मिर, काच, पुराना पिष्टक । आंखकी पीड़ा । पित्तज कफज पाण्डु, ज्वर अतिसार, शोथ, खांसी । कामला संख्या प्रयोगनाम ३३४१ धात्री रसक्रिया Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३३४२ "" "" ३६७२ नागादि शलाका (२९) पाण्डुरोगाधिकारः ३६७३ नागुर्जुनी शलाका ३६७९ निम्बपत्रादि योग: ३६८० निम्बादि पिण्डी ३६८७ निशादि प्रयोगः ४५०१ पलाशवृन्त योगः ४५०६ पिप्पलदलादि योग: ४७७० बाष्प स्वेदः ४७७४ बिसादि परिसेकः ३४२६ नागरादि चूर्णम् For Private And Personal Use Only चूर्ण-प्रकरणम् ――― मुख्य गुण आंख के पित्तज वा तज रोग, तिमिर, पटल | पटल | नेत्राको चिपचिपा - हट, कण्डू, पिल्ल, तिमिर । नेत्रज्योति-वर्द्धक । अक्षिपाक । नेत्राभिष्यन्द | पीड़ा । पलके के बाल ज माता और नेत्रा कफज विकारों को करता है। ३४५६ निम्बादि गुटिका तिमिर । नेत्रीड़ा नेत्राभिष्यन्द | कफजपाण्डु । गुटिका-प्रकरणम् पाण्डु, कामला, ज्वर।

Loading...

Page Navigation
1 ... 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773