Book Title: Bhagvati Sutra Part 05
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 13
________________ [12] २६३४ क्रमांक विषय पृष्ठ / क्रमांक विपय पृष्ठ उद्देशक १२, १३, १४ मरणसमुद्घात ५६७ उदधि कुमार दिश कुमार स्तनित । उद्देशक ७ कुमार २५९० / ५८३ ऊर्ध्व लोक्स्थ पृथ्वीकायिक का शतक १७ ___मरण-समुद्घात - उद्देशक १ उद्देशक ८ ५६८ गजराज को गति आगति २५६४ | ५८४ अधो अप्कायिक का मरण-समुद्घात २६३६ ५६९ पुरुष और ताल-वृक्ष को क्रिया २५९५ उद्देशक ९ ..." ५७० शरीर इन्द्रियाँ योग २६०१ ५८५ ऊलोकस्थ अप्कायिक का मरण५७१ औदयिकादि भाव २६०३ ___ समुद्घात २६३७ उद्देशक २ उद्देशक १० . ५७२ धर्मी अधर्मी और धर्माधर्मी २६०५ | ५८६ अधो वायकायिक का मरण५७३ बाल पण्डित और बालपण्डित २६०७ समुद्घात २६३८ ५७४ जीव और आत्मा की अभिन्नता २६१० . ५७५ रूपी, अरूपी नहीं बनता। उद्देशक ११ सर्वज्ञसाक्षी २६१२३५८७ ऊर्ध्व वायुकायिक का मरण. उद्देशक ३ समुद्घात . २६३६ ५७६ शैलेशी अनगार की निष्कम्पता २६१५ ___ उद्देशक १२ ५७७ चलना के प्रकार २६१८८८ जीवों के आहारादि की सम५७८ संवेगादि धर्म का अंतिम फल २६२१ | विषमता २६४० उद्देशक ४ . उद्देशक १३ ५७९ आत्म-स्पृष्ट क्रिया २० | ५८६ नागकुमारादि के आहार की सम५८० आत्मकृत सुख दुःख और वेदना २६२७. / विषमता २६४२ उद्देशक ५ ५९० उद्देशक १४ २६४३ ५८१ ईशानेन्द्र की सुधर्मा सभा २६२९ | ५९१ उद्देशक १५ २६४३ उद्देशक ६ ५९२ उद्देशक १६ . २६४४ ५८२ नरक पृथ्वीकायिक जीवों का '५९३ उद्देशक १७ । २६४४. पकार २६२४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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