Book Title: Bhagavati Jod 07
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 415
________________ छह १ समय हुवै, ए समय कलिओग हीज इति ए कलिओग-तेओग कहिये । ते द्रव्य जघन्य थी ७ ते ७ द्रव्य नैं एक समय में च्यार अपहरियै ते अपहार समयो १ मार्ट ते समय नै कलिओग कहियँ । अनं द्रव्य जघन्य थी ७ | तेह एक समय में च्यार अपहरतां छेहड़े तीन द्रव्य हुवै, तिणसूं द्रव्य नी राशि नैं तेओग कहिये । ते मार्ट एहनुं नाम कलिओग- तेओग छँ । (१४) हिये कलिभोग दारजुम्मे नों अर्थ जे राशि ने समय-समय प्रति व्यार-च्यार द्रव्य अपहरतां छेड़े दो द्रव्य हुवै, ए राशि दावरजुम्म । अनैं अपहार समय नैं पिण व्यारन्च्यार अपहरतां छेड़े एक समय हुए समय कलिलोग ही इति ए कवियोग द्वापरयुग्म कहिये । ते द्रव्य जघन्य थी ६ ते ६ द्रव्य नैं एक समय में च्यार अपहतां ते अपहार समयो एक माटे, ते समय नैं कलिओग कहिये । अने द्रव्य जघन्य थी ६ । तेहन एक समय में च्यार अपहरतां छेहड़े दो द्रव्य हुवै, तिणसूं द्रव्य नी राशि में दावरजुम्म कहिये ते मार्ट एहनुं नाम कलिभोग-दावरजुम्म (१५) हिवै कलिओग- कलिओगे नों अर्थ जे राशि नैं समय-समय प्रति च्यार व्यार द्रव्य अपहरतां छहड़े एक द्रव्य हु, ए राशि कलिओग। अने अपहार समय नै पिण च्यार व्यार अपहरतां छेड़े एक समय हुवै, ए समय कलिओग हीज इति ए कलिओग- कलिओग ते ५ द्रव्य तेनैं एक समय में च्यार अपहरतां अनं द्रव्य जघन्य थी ५ । तेहनैं एक समय में तिणसूं द्रव्य नी राशि नै कलिओग कहिये । (१६) । कहियै । ते द्रव्य जघन्य थी ५ एक समय मा कलियोग कहिये व्यार अपहरतां छेड़े एक द्रव्य हुवै, ते माह नाम कलिगलिग ए सोल रूप नै विषे जघन्य द्रव्य नां उदाहरण कह्या । हिव मध्यम द्रव्य नां उदाहरण कहे है- बत्तीस द्रव्य ने इक बत्तीस द्रव्य नै कडजुम्मकडजुम्म कहिये, ते किम ? इक समय च्यार व्यार द्रव्य अपहरतां आठ समया लागे । ते आठ समय नां दो चोकड़ा में छेड़े च्यार मार्ट ए समय नैं प्रथम पद कडजुम्म कहिये । अन बत्तीस द्रव्य नां आठ चोकड़ा हुवै। तिणमें छेहड़े च्यार द्रव्य माटै ए द्रव्य द्वितीय पदे जुम्म कहिये । इम आठ अपहार समया पिण कडजुम्म अनै बत्तीस द्रव्य पिण जुम्म, भणी ए प्रथम रूप कडजुम्मकडजुम्म हुवै । (१) ३५ द्रव्य नैं इक इक ते आठ समय नां दोय अन कडजुम्म तेओग नैं विषे ३५ द्रव्य ते किम ? समय च्यार च्यार द्रव्य अपहरतां आठ समया लागे । चोकड़ा में छेड़े च्यार माटै प्रथम पद कडजुम्म कहिये । अने ३५ द्रव्य नां आठ चोकड़ा हुवे । छेड़े तीन द्रव्य रहे तिणसूं ए राशि ने द्वितीय पदे तेओग कहियँ । ते मार्ट ए द्वितीय रूप कडजुम्म - तेओग हुवै । (२) अ जुम्म - द्वापरयुग्म नै विषे ३४ द्रव्य हुवै, ते किम ? ३४ द्रव्य नैं इक इक समय च्यार च्यार द्रव्य अपहरतां आठ समया लागे । ए अपहार आठ समय नां दो चोकड़ा में छेहड़े च्यार मार्ट प्रथम पद कडजुम्म कहिये । अ ३४ द्रव्य नां ८ चोकड़ा हुवै, छेहड़े दो द्रव्य रहे । तिणसूं ए राशि ने द्वितीय पदे द्वापरयुग्म कहिये । तेाटै तृतीय रूप कडजुम्म द्वापरयुग्म हुवै । (३) Jain Education International For Private & Personal Use Only या० - कल्योजद्वापरे षडादयः (बृ. प. ९६६) वा० --- कल्योजकल्योजे तु पञ्चादय इति । (वृ. प. ९६६ ) श० ३४, उ० १, ढा० ४९९ ३९७ www.jainelibrary.org

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