Book Title: Bhagavati Jod 07 Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya Publisher: Jain Vishva Bharati View full book textPage 1
________________ कुरबानी अथवाउदाको फल करे लगे दो कोयनेनिकलकर कमा थप डिसीएए स्मृते याती या जो गति संसी नोजी श्री मकारने का मन का म या मनोगमाया रोजी ते तिसलीमा उत्तरवैजरोजी यो करिनी तास निरोधी जी सामना नहीं घादिलो सखाराम न मे ये दिन ये याद में प्रायः करे कदीर खामी न थामनकिरीकरिए काया ध्यान दिय पादित एक ताजी ने रुपाते करदरा पदक से वेद जापानिय स्थदिवासी या जोगन बाजी प्रतिलीजा रगत स्वारजे तानि रुजी कलम भोग नवाबाजीरावचनेनी कदीरणा दिवाकरज्ञामविनयनोद विनय दा के चार नियमनका निर्मली जीत शिष्ट एका करी एक तारूप जेला बोजी करिर्वजेोग बचे कार्यदिन यना विनय लोक उपचार की म्यान विनय ज्ञानवि बोजी- दिवे का यम डिसलीए या किसी पडिली एते दोजी पाँ नयना दाव्या कारखाना के ला परेकि रिजेदोजी वृलियंतरकरीतिको प्रति विनय २० रमादानका दि मी करा पिनितिक २५ गनासो जीत द्रिकापमान दृष्टिताना दिए कमरे म सीता जी पूर्वी सोलीमा सीम सोनकर सतपजेमिनी जे समष्टि कम लामता जोगनी दलिए दो जा यारखी प्रतिसंसी न त एती सदक है जो अज्ञानता ग्रामरे नयसास ते द करेति तामरे या विविविक्तसय मास नोजी ए सेवक दीदिवे सोनम मोजीम तक ही दर्शा दिन यस द्वारा दर्शनया बन जाएंी जीते है आराम के दीये जे विषैली जीरा २ ज सेवा दाग र दान करे सा महासमुदायो जाति शान की जाये नियोनी निमसोमल दिदा विनयना के सामने प्रकार करवान एक बात कर मामा जी दशम देश विखारोमिक दिवायोजन कायदे जनावरम से दो धारा भी कारक विचरतोजी जावरा में पा उजे जाये तो जी दापातक दिवाय मारा किती कर्म कहियरे की बंदन कार्यक जाबाद में जाए देवलदे हरा दिये सन्तापदिनारे वैसे जनवादी मी बरे दा मस्ती का मृत दो संगीत एली कभी जाना जामी वर्षका या समरे पानी मे 4915 गजीन जयाकार्य Ad инт (खण्ड-७) वनकरिता नियमह नमुना स्वानरे करताना में जान बलवर्णा प्रेमविनयमन नियम काकताली कर्मयता हिरे नाम उपाय की जाये नारे दिजनि करमानी दिवार कर उपजे ते करिये विनय वादनिवानियाचार्य नरेनकायकार प्रति स्तमन कालीन सामान्यकराने पाप२दिन मनाएक रे मनपाध्यायनी मानी खान न करे पाकविमालककोमा द्वितीय कलमणीनारि मदिम संगीत यतिकायादिकानयन कियेकदिवा लडकी नियमीसरे की मनोकादिक तरकारी निकायानादिक श्लोकात्म कथायां जमकरी करनी पर करे नकदगी बाकी जीवन संकायनी जन्मन जननी जानकेवलज्ञानी नीकरी जान लिएपनी किता नं. वमनविनाकार (सामान्य करी नकाराला विनयपूर्वरात पापकारिक मेमन सेना की एक कदकक रिस विनयजी जगनाथ मनिसानामीलिकायाको किरियासदितमनादि एतय विनयमुनानगराम किये दिवायें वतिमन मौका दिया ละ एल 4267 जालो फलमाटी से जायगा मानने से काल मा कारक वि स्थदिने माथा जाने बरे पाठवाय दिगो जीतपडिली एता राम शल कमी दालोजी सिकुसारी मालकी जय जय भगवती जोड श्रीमज्जयाचार्य २ चार कर चीनियातानादिरे विि कार Jam Education international दज्ञानाददीत कधी प्रतिकार बारिक दिकजी वाद देविक नमन इलेविनयेन नया निवार करिये विनाय अली जनावरे कारन विनय द्वितीयद चरित्रक दिवाकरेनीता रंग सामायिक जात या मापातकिनि For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 ... 498