Book Title: Bhagavati Jod 07
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 414
________________ वा०-द्वापरत्योजराशावेकादशादयः (व.प. ९६६) वा०-द्वापरद्वापरे दशादयः (बृ. प. ९६६) वा०-द्वापरकल्योजे नवादयः (वृ. प. ९६६) हिवै द्वापरयुग्म-तेओगे नों अर्थ कहै छ जे राशि नै समय-समय प्रति च्यार-च्यार द्रव्य अपहरतां छेहडै तीन द्रव्य हवे, ए राशि तेओग। अनै अपहार समय नै पिण च्यार-च्यार अपहरतां छेहड़े २ समय हुवे, ए समय द्वापरयुग्म हीज इति ए द्वापरयुग्म-तेओग कहिये । तेह द्रव्य जघन्य थकी ११। ते ११ द्रव्य नै प्रथम समय च्यार द्रव्य अपहर, द्वितीय समय च्यार द्रव्य अपहरै-ए अपहार समया २, तेहनै दावरजुम्म कहिये । अनै द्रव्य जघन्य थकी ११ । तेहन च्यार-च्यार अपहरवै छेहड़े तीन द्रव्य हुदै तिणसं द्रव्य नी राशि नै तेओग कहिये । ते माटै एहनं नाम द्वापरयुग्म-तेओग छै। (१०) हिवं दावरजुम्म-दावरजुम्मे नों अर्थ कहै छ जे राशि नै समय-समय प्रति च्यार-च्यार द्रव्य अपहरतां छेहडै २ द्रव्य हुवे, ए राशि दावरजुम्म । अनैं अपहार समय नै पिण च्यार-च्यार अपहरतां छेहडै २ समय हुवै, ए समय द्वापरयुग्म हीज इति ए द्वापरयुग्म-द्वापरयुग्म कहिये । तेह द्रव्य जघन्य थकी १०। ते १० द्रव्य नै प्रथम समय च्यार द्रव्य अपहरै, द्वितीय समय च्यार द्रव्य अपहरै-ए अपहार समया २, तेहन द्वापरयुग्म कहिये । अद्रव्य जघन्य थकी १० । तेहन च्यार-च्यार अपहरवै छेहडै २ द्रव्य हुवै, तिणसू द्रव्य नी राशि नै दावरजुम्म कहियै । ते माटै एहन नाम द्वापरयुग्मद्वापरयुग्म छ। (११) हिवै दावरजुम्म-कलिओगे नों अर्थ जे राशि नै समय-समय प्रति च्यार-च्यार द्रव्य अपहरतां छेहडै १ द्रव्य हुदै, ए राशि कलिओग । अनै अपहार समय नैं पिण च्यार-च्यार अपहरतां छेहड़े २ समय हुवे, ए समय द्वापरयुग्म हीज इति ए द्वापरयुग्म-कलिओग कहिये । तेह द्रव्य जघन्य थी ९ । ते ९ द्रव्य नै प्रथम समय च्यार अपहर, द्वितीय समय च्यार अपहरै-ए अपहार समया २, तेहनै द्वापरयुग्म कहिये । अने द्रव्य जघन्य थी ९ । तेहनै च्यार-च्यार द्रव्य अपहरवै छेहडै १ द्रव्य हुदै, तिणसू द्रव्य नी राशि नं कलिओग कहिये । ते माटै एहनुं नाम द्वापरयुग्म-कलिओग छ । (१२) १०. कलिओगकडजुम्म तेरमों, फुन कलिओगतेओग कांइ बोल चवदमों कहिये हो लाल । कलिओगद्वापरयुग्म ही, वलि कलियोगकल्योजे ए रूप सोलमों लहिये हो लाल ।। हिवं कलिओग-कडजुम्मे नों अर्थ कहै छै जे राशि नै समय-समय प्रति च्यार-च्यार द्रव्य अपहरतां छेहडै ४ द्रव्य हुदै, ए राशि कडजुम्म अनं । अपहार समय नै पिण च्यार-च्यार अपहरतां छेहड़े १ समय हुवै, ए समय कलिओग हीज इति ए कलिओग-कडजुम्म कहिये । तेह द्रव्य जघन्य थी ४ ते ४ द्रव्य नै १ समय में अपहरिय ते अपहार समयो १ माट ते समय नै कलिओग कहिये । अनं द्रव्य ४ छै तिणसूं ते ४ द्रव्य नै कडजुम्म कहिये । ते माटै एहनु नाम कलिओग-कडजुम्म छ । (१३) हिवै कलिओग-तेओगे नों अर्थ कहै छै जे राशि नै समय-समय प्रति च्यार-च्यार द्रव्य अपहरतां छहडै तीन द्रव्य हुवै ते राशि नै तेओग कहियै । अनै अपहार समय नै पिण च्यार-च्यार अपहरतां ३९६ भगवती जोड़ १०. १३. कलिओगकडजुम्मे, १४. कलियोगतेओगे, १५. कलियोगदावरजुम्मे, १६. कलियोगकलिओगे। (श. ३५॥१) वा०-कल्योजकृतयुग्मे चतुरादयः (वृ. प. ९६६) वा०-कल्योजन्योजराशी सप्तादयः (व. प. ९६६) Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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