Book Title: Ashtapahud Padyanuwad
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 52
________________ परिणाम पुद्गल आयु एवं समय काल प्रदेश में। तनरूप पुद्गल ग्रहे-त्यागे जीव ने इस लोक में॥३५।। बिन आठ मध्यप्रदेश राजू तीन सौ चालीस त्रय। परिमाण के इस लोक में जन्मा-मरा न हो जहाँ॥३६॥ एक-एक अंगुलि में जहाँ पर छयानवें हों व्याधियाँ। तब पूर्ण तन में तुम बताओ होंगी कितनी व्याधियाँ॥३७॥ पूर्वभव में सहे परवश रोग विविध प्रकार के। अरसहोगे बहुभाँति अब इससे अधिक हम क्या कहें?॥३८॥ कृमिकलितमजा-मांस-मज्जितमलिन महिलाउदर में। नवमास तक कई बार आतम तू रहा है आजतक॥३९॥

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