Book Title: Arhat Vachan 1999 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 6
________________ अगले अंकों में अन्य ग्रहों पर जीवन की आधुनिक शोध 0 हेमन्त कुमार जैन, जयपुर गोम्मटसार का नामकरण - दिपक जाधव, बड़वानी Colour : The Wonderful Charecterstics O Muni Nandi Ghosh, Ahmedabad of Sound Jaina Paintings In Tamilnadu 0 T. Ganesan, Thanjavur The Early Kadambakas and D A. Sundra, Sholapur Jainism in Karnataka शक तथा सातवाहन सम्बन्ध - नेमचन्द डोणगाँवकर, देउलगाँवराजा जैन साहित्य और पर्यावरण - जिनेन्द्र कुमार जैन, सागर जैन धर्म और पर्यावरण - मालती जैन, मैनपुरी प्रकृति पर्यावरण के संदर्भ में आहार का स्वरूप 0 राजेन्द्र कुमार बंसल, अमलाई अर्हत् वचन पुरस्कार (वर्ष 10 - 1998) की घोषणा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा मौलिक एवं शोधपूर्ण आलेखों के सृजन को प्रोत्साहन देने एवं शोधार्थियों के श्रम को सम्मानित करने के उद्देश्य से वर्ष 1989 में अर्हत् वचन पुरस्कारों की स्थापना की गई थी। इसके अन्तर्गत प्रतिवर्ष अर्हत् वचन में एक वर्ष में प्रकाशित 3 श्रेष्ठ आलेखों को पुरस्कृत किया जाता है। वर्ष 10 (1998) के 4 अंकों में प्रकाशित आलेखों के मूल्यांकन हेतु एक त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल का निम्नवत् गठन किया गया था1. डॉ. एन. पी. जैन, पूर्व राजदूत, ई-50, साकेत, इन्दौर 2. प्रो. सरोजकुमार जैन, पूर्व प्राचार्य एवं प्राध्यापक - हिन्दी, मनोरम, 37 पत्रकार कालोनी, कनाड़िया रोड, इन्दौर 3. प्रो. सी. एल. परिहार, प्राध्यापक - गणित, होल्कर स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, इन्दौर निर्णायकों द्वारा प्रदत्त प्राप्तांकों के आधार पर निम्नलिखित आलेखों को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार हेतु चुना गया है। ज्ञातव्य है कि पूज्य मुनिराजों/ आर्यिका माताओं, अर्हत् वचन सम्पादक मंडल के सदस्यों एवं विगत पाँच वर्षों में इस पुरस्कार से सम्मानित लेखकों द्वारा लिखित लेख प्रतियोगिता में सम्मिलित नहीं किये जाते हैं। पुरस्कृत लेख के लेखकों को क्रमश: रुपये 5001/-, 3001/- एवं 2001/- की नगद राशि, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह से नवम्बर / दिसम्बर 99 में सम्मानित किया जायेगा। प्रथम पुरस्कार - 'नेमिचन्द्राचार्य कृत ग्रन्थों में अक्षर संख्याओं का प्रयोग', 10 (2), अप्रैल - 98, पृ. 47 - 59, श्री दिपक जाधव, व्याख्याता - गणित, जी- 1, माडल स्कूल कैम्पस, बड़वानी- 4515511 द्वितीय पुरस्कार - "दिगम्बर जैन आगम के बारे में एक चिन्तन', 10 (3), जुलाई - 98, पृ. 35-45, प्रो. एम. डी. वसन्तराज, 66, 9 वाँ क्रास, नवेलु रास्ते, कुवेम्पुनगर, मैसूर (कर्नाटक) तृतीय पुरस्कार - "Epistemology. in the Jaina Aspect of Atomic Hypothesis', 10(3), July-98, pp 29-34, Dr. Ashok K. Mishra, Dept. of History, Culture and Archaelogy, Dr. R.M.L. Avadh University, Faizabad-224001 देवकुमारसिंह कासलीवाल डॉ. अनुपम जैन अध्यक्ष सचिव अर्हत् वचन, जुलाई 99

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