Book Title: Aradhana Author(s): Bhuvanbhanusuri Publisher: Divya Darshan TrustPage 14
________________ हमारी दैनिक मंगल प्रार्थना * वंदना नमो अरिहंताणं नमो सिद्धाणं नमो आयरियाणं नमो उवज्झायाणं नमो लोए सव्व साहूर्ण एसो पंच नमुक्कारो, सव्यपावप्पणासणो मंगलाणं च सव्वेसिं, पढम हवइ मंगलं । अरिहंतो को नमस्कार करता हूं। सिद्धों को नमस्कार करता हूं। आचार्यों को नमस्कार करता हूं। उपाध्यायों को नमस्कार करता हूं। लोक में (विराजमान) सब साधुओं को नमस्कार करता हूं। ये पांच नमस्कार समस्त पापों का नाश करने वाले हैं तथा सभी मंगलों में प्रथम मंगल है। चार मंगल चत्तारि मंगलं अरिहंता मंगलं, सिद्धा मंगलं, साह मंगलं, केवलिपण्णत्तो धम्मो मंगलं, ये चार मंगल हैं। अरिहंत मंगल हैं, सिद्ध मंगल हैं, साधु मंगल हैं, केवलिप्रणीत धर्म मंगल है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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