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वीर सेवा मन्दिरका प्रेमासिक
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२. श्री संमेदशिम्बर प्रसंग ३ श्री सम्मेदशिखर सम्बन्ध में महत्वपूर्ण खण्य ·
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४. कुन्दकुन्द और पुद्गल दम्य-श कपूरचन्द जैन
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५.मौचित्य,धम का-श्री राजकुमार जैन बाचार्य
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। ६. जैन मोर बोड मूर्तियाँ-श्री राजमल जैन
१८ मुहमरमसमुविधी कामकुममन्दी, २२04..किरातं चाति मोर उसकी ऐखिलासिकता . .. -डा. रमेशचन्द जैन . .
.२१-. VE. आगमों के संपादन की 'घोषित विधि' पातक है -सम्पादक
२८ १०. जरा सोचिए " irmier :पज्य बडे वर्णी जी ने कहा
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बीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२