Book Title: Anekant 1994 Book 47 Ank 01 to 04
Author(s): Padmachandra Shastri
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 84
________________ 6607 वीर सेवा मन्दिरका प्रेमासिक अनेका Mantra 192NOfornia HimroPINTrir+Tr..Banty - Vir run ar ir bk सम्मेदशिखर-चिशेषांक) : .:. ''' ' RT प्रवर्तक मासागल किशोर मुख्तार युवकोर TWITTry Irior intim , repr. in in winter I, tr " tri...: .. . Frism is INR 2 विषय " trn 615 10. --.,! २. श्री संमेदशिम्बर प्रसंग ३ श्री सम्मेदशिखर सम्बन्ध में महत्वपूर्ण खण्य · tv .. . . . . . ) ४. कुन्दकुन्द और पुद्गल दम्य-श कपूरचन्द जैन ११ . . PROFrPartfeltodan.. ५.मौचित्य,धम का-श्री राजकुमार जैन बाचार्य १५ । . .:::) ..1::. . . . । ६. जैन मोर बोड मूर्तियाँ-श्री राजमल जैन १८ मुहमरमसमुविधी कामकुममन्दी, २२04..किरातं चाति मोर उसकी ऐखिलासिकता . .. -डा. रमेशचन्द जैन . . .२१-. VE. आगमों के संपादन की 'घोषित विधि' पातक है -सम्पादक २८ १०. जरा सोचिए " irmier :पज्य बडे वर्णी जी ने कहा टाइटिल २ 1 hrayan MPPOHTTA बीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२

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