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मनकान्त
सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर'
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अक्टवर
मन ५३
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भरतक अस्मिक मन्न महामना पूज्य गणेशप्रमादजी वर्णी की ८०वी जन्म जयन्ती गयाम प्रानन्द सम्पन्न होगई। पूज्य वर्गीजीने ०वे वर्ष में प्रवेश किया है। हमारी हादिक कामना है कि पाप शन वर्ष जीवी हो। पूज्य वर्गीजीक महनीय जीवनमे समाजको यथेष्ट साभ उठाना चाहिये। आपका पाभ्यात्मिक महत्वपूर्ण प्रवचन पेज १७३ पर पदिए।
अनकान्तकः प्राहक बनना और बनाना
प्रत्येक माधमी माईका कर्तव्य है