Book Title: Anekant 1954 Book 12 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 437
________________ ३७६] अनेकान्त [किरण १२ - - - मापा और प्रकाशकोंको न्याय मिबनेके साथ साहित्यके साथ वाली रायल्टी उसके उत्तराधिकारियोंको मृत्युके दस भी न्याय हो, जनताको भी उसका नाम मिले। मैं इस वर्ष बाद तक ही मिले। विषय के कुछ सुझाष रख रहा हूँ। (ज) जो लेखक भी नहीं है, अनुवादक भी नहीं हैं सिफ पुरस्कार प्रणाली संग्राहक या सम्पादक हैं उन्हें पांच फीसदी रायल्टी मिले । वह भी उस अवस्था में जब प्रकाशकसे उसने (१) सरकार अच्छे साहित्य पर पुरस्कार भी दे और मिहनताना प्राप्त न किया हो। उसकी प्रतियाँ भी खरीदे।। (१) सरकारको साहित्यके भिन्न भागों पर भिन्न भिन्न (२) पुरस्कार परिमित ही होंगे। यह हो सकता है कि कुछ तरीकांसे ध्यान देना चाहिए। पुस्तकों पर पुरस्कार न मिले पर वे अच्छी हों तो उन (क) अन्वेशक साहित्य । विज्ञानके नए सिद्धान्त, नई भाषा पुस्तकोंको खरीदनेका ही निर्णय करे। नई निपि या भाषा जिपीसुधार, नए दार्शनिक (३) पुस्तककी उपयोगिता मादिका विचार कर कमसे कम सिद्धांत, धर्म संस्कृति प्रादिका नया निर्माण, भादिको २०.और अधिक से अधिक ....पुस्तकें सरकार पुरस्कार पहले देना चाहिए। को खरीदना चाहिये। (ख) रचना साहित्य । जिसमें आविष्कार सरीखी तो कोई (४) जो पुस्तके खरीदी जाये उनका बिल प्रकाशकोंको बात नहीं हो किन्तु जनताके लिए उपयोगी विचारोंको चुकाते समय सरकार रायल्टीके दाम काटले । और वह रायल्टी सीधे लेखकोंको दी जाय। अच्छी तरहसे पेश किया गया हो इस दुसरी श्रेणी (१) पुस्तक भेजनेके साथ भेजने वालेको यह लिखना में रखना चाहिए। (ग) पद्य साहित्यको तीसरी श्रेणी में रखना चाहिए। होगा कि उसने लेखकसे रचना किस शर्त पर ली। इस विषयके उपनियम इस प्रकार हो। (घ) क्या साहित्यको चौथी श्रेणीमें रखना चाहिए । (क) जो साहित्य पद्यात्मक हो या कथा साहित्यमय हो, (क) यदि लेखक और प्रकाशक एक ही हैं तब पूरा माथ ही उसमें अन्वेषणकी बातें भी हो तो उसे विव प्रकाशकको चुकाया जाय। ऊंची श्रेणी में ही गिना जाना चाहिए। (ख) यदि प्रकाशक लेखकको रायल्टी देता है तो अन्यरचनामें ग्रन्थको योजनाका मूल्य तो होना ही सरकार से खरीदी गई पुस्तकों पर लेखकको २० फीसदी चाहिए। साथ ही वह किस श्रेणीका है यह बात भी ध्यान रायटीदेइसके बाद उन पुस्तकों पर प्रकाशक लेखक में रखना चाहिए । उपचणीकी रचनाको अधिक अवसर को रायल्टी न दे। मिलना चाहिए। (ग) यदि प्रकाशकने लेखकको पूरे दाम देकर सदाके लिए (७) हस्तलिखित प्रतियों पर सरकार पुरस्कार ही दे। यह पुस्तक खरीद ली है, या मजदूरी देकर पुस्तक उनके खरीदनेकी जिम्मेदारी न छपने पर वह लिखाई है तो सरकार सिर्फ पांच फीसदी रायल्टी खरीदन की दृष्टिसे फिर विचार करे। लेखक को दे और वह प्रकाशको चुकाये जानेवाले (5) पुस्तक खरीदते समय सरकार इस बात पर भी ध्यान दामों में से काट है। दे कि पुस्तककी कीमत तो अधिक नहीं है। कीमत (घ) यदि पुस्तक अनुवादित है तो पाधी या दस फीसदी अधिक होतो वह कम करनेकी शर्त लगा सकती है। रायस्टी अनुवादकको और आधी या दस फीसदी (8) सरकार जो पुस्तक खरीदे उस पर २५ फीसदी रायल्टीमूल लेखकको मिले। कमीशन लें। (6) यदि अनुवादकने अपना मिहनाताना प्रकाशकसे बे (10) पुस्तकोंका मूल्य, रायल्टी पुरस्कारकी रकमें घोषणा लिया है तो अनुवादकको रायल्टी न मिले। एक माइके भीतरही सरकार चुका दे। (च) यदि मूल लेखक विदेशी है तो उसे रायल्टी न मिले व्यवस्था (सिर्फ मनुवादक को ही दस फीसदी रायल्टी मिले) इस समय पुरस्कार योजना जुदी-शुदी सरकारोंकी (क) यदि खक या अनुवादक मर चुका है तो उसे मिलने तरफसे चल रही है। इसको केन्द्रीय सरकारके मार्फत

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