Book Title: Anekant 1954 Book 12 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 448
________________ अनेकान्तका द्विवार्षिक हिसाब चिट्ठा हिसाब अनेकान्त वर्ष ११वां (सितम्बर सन् ५० से मई सन १६५३ तक) आय (जमा) ___ व्यय (वर्च) १३५०%) ग्राहक खाते ज्मा, जिसमें १५४ वी.पी. से २३३ ) पिछले वर्षका घाटा - प्राप्त हुआ पोस्टेज भी शामिल है। १३३५३) कागज खाते नाम इस प्रकार-: १३५०/-) ६२६॥ कागज सफेद २४ पौंड, २०४३० ११६) साधारण महायता खाते जमा माइज ४६ रिम, मयमजदूरी के। ११६) २४ ) आटेपेपर टाइटिल और चित्रोंके १६०।-)|| फाइलों और फुटकर किरणों की विक्रीखाते वास्ते रिम, मयमजदूरी, ५८॥-)| रेपर पेपर १ रिम १३ दस्ते मयमजजमा। १६० ॥ १२-) सूद बाते जमा, जो ला० कापरचन्दजो कान १३३५) __पुर से प्राम हुए ६०) डिजाइन ग्वाते खर्च जो आशाराम शुक्लाको ३२०) दिये गये ४६) कागज खाते जमा बावत ५४ शीट हाइट ११६।।) ब्लाक बनवाई खाते जिसमें १०७ धूमीप्रिन्टिग और ३९० शीट आर्टपेपर जो इम मल धर्मदास को [ मुरारी फाइन आर्ट वर्प खर्च होने से बचा है। दिल्लीको दिये गये। ४६ ) ११) १७८८॥ ३२०) चित्रग्वाते वर्च ३०४) कलकत्तासे चित्रोंके ८६४०) संरक्षकों और सहायकोंसे प्राप्त सहायता छपकर आने में मयार्द पेपर, छपाई, पोस्टेज और पैकिंग मा. बा० छोटेलालजी कलकत्ताके १८३४०) १६) 'शास्ता वीरजिन चित्रकी छपाई धूमीमल धर्मदास दिल्ली को दूरा २४३८१) छपाई बंधाई अनेकान्त खाते, खर्च इसप्रकार १५१३) नेशनल प्रिंटिंग प्रेम दिल्ली को ८५७) रूपयाणी प्रेस दिल्लीको ४८) धूमोमल धर्मदासको छपाई टाइटिल पेज दुरंगा ३००० कापी ॐ दशवें वर्षकी किरण ११-१२ में उस वर्षका हिसाब प्रगट करते हुए घाटे की अन्दाजी रकम २४७६) प्रगट की गई थी। माथ ही उम संयुक्त किरणकी बावत खर्चकै भन्दाजन ३००) देने बाकी लिखे गए थे, जिसके स्थानपर २०१७) दिये गये। इससे २४ ) की रकम घाटेमें कम हुई और 10m) की प्राप्ति विज्ञापनादिसे और होकर ) की रकम घाटे को स्थिर रही।

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