Book Title: Anekant 1954 Book 12 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
View full book text
________________
ॐ अहम
htt
वस्वतत्व-मधातकी
विश्वनत्व-प्रकाशक
वार्षिक मूल्य ६)
एक किरण का मूल्य 1) Jammmmmunesammaanaam
VATMENT
M
नीतिविरोधष्वंसी लोकव्यवहारवर्तकः सम्यक् । परमागमस्य बीज भुवनेकगुरुर्जयत्यनेकान्त।
वर्ष १२ किरण १२
वीरसेवामन्दिर, १ दरियागंज, देहली वैशाख वीर नि० संवत् २४८०, वि० संवत २०११
आत्म-संबोधक-अध्यात्म-पद
-: कविवर दौलतराम :
हमतो कबहूँ न हित उपजाये सुकुल-सुदेव-सुगुरु-सुसंगहित, कारन पाय गमाये ॥ टेक ।। ज्यौं शिशु नाचत, आप न माचत, लखनहार बौराये। त्यौं श्रुत वाचत पाप न राचत, औरनको समुझाये ॥१॥ सुजस-लाहकी चाह न तज निज, प्रभुता लखि हरषाये। विषय तजे न रचे निजपदमें, परपद अपद लुमाये ॥२॥ पाप त्याग जिन-जाप न कीन्हौं, सुमनचाप-तप-ताये। चेतन तनको कहत मित्र पर, देह-सनेही थाये ॥३॥ यह चिरभूल मई हमरी भव, कहा होत पछताये । दौल अबौं भव-भोग रचौ मत, पो गुरुवचन सुनाये ॥४॥

Page Navigation
1 ... 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452